एनएससीबीएम कॉलेज हमीरपुर ने आयोजित की अपस्किलिंग कार्यशाला, डॉ. बी.एस. चौहान ने दिया मुख्य व्याख्यान

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आवाज़ जनादेश शिमला/हमीरपुर,
हिमाचल प्रदेश के सबसे प्रतिष्ठित उच्च शिक्षा संस्थानों में से एक, नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेमोरियल (NSCBM) राजकीय महाविद्यालय, हमीरपुर ने हाल ही में स्नातक और स्नातकोत्तर विद्यार्थियों के लिए एक ऐतिहासिक अपस्किलिंग कार्यशाला का सफल आयोजन किया। इस कार्यशाला में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों, संकाय सदस्यों, विभिन्न संघों के प्रभारियों और एनएसएस स्वयंसेवकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
इस कार्यशाला का आयोजन कॉलेज के दूरदर्शी प्राचार्य डॉ. परमोद पाटियाल के नेतृत्व में किया गया, जिन्होंने इस आयोजन को कॉलेज की 60 साल की गौरवमयी यात्रा का एक और मील का पत्थर बताया। यह आयोजन विशेष रूप से डॉ. बी.एस. चौहान के मुख्य व्याख्यान के कारण बेहद सफल रहा, जो एक प्रसिद्ध नैनोटेक्नोलॉजी वैज्ञानिक और अंतरराष्ट्रीय मोटिवेशनल स्पीकर हैं।
अपस्किलिंग की आवश्यकता और डीएमआईटी का परिचय
अपने दो घंटे के सत्र में डॉ. चौहान ने 21वीं सदी की वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए युवाओं में अपस्किलिंग की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि जहाँ सिंगापुर जैसे देश PISA रैंकिंग में शीर्ष पर हैं, वहीं भारत को फ्रंटियर टेक्नोलॉजी रेडीनेस में अपनी स्थिति सुधारने की जरूरत है। उन्होंने प्रसिद्ध कवि डब्ल्यू.बी. यीट्स के कथन को उद्धृत किया कि “शिक्षा बाल्टी भरने का काम नहीं, बल्कि आग जलाने का कार्य है।”

डॉ. चौहान ने प्रतिभागियों को डर्माटोग्लाइफिक्स मल्टीपल इंटेलिजेंस टेस्ट (DMIT) से परिचित कराया, जो एक वैज्ञानिक फिंगरप्रिंट-आधारित परीक्षण है। यह परीक्षण 95% तक की सटीकता के साथ विद्यार्थियों की जन्मजात प्रतिभाओं और 8 प्रकार की बुद्धिमत्ताओं, 5 प्रकार के क्वोशेंट्स, 7 लर्निंग स्टाइल्स और 10+ व्यक्तित्व आयामों को पहचानने में मदद करता है। उन्होंने बताया कि यह तकनीक न केवल विद्यार्थियों के लिए, बल्कि शिक्षकों, अभिभावकों और कॉर्पोरेट पेशेवरों के लिए भी समान रूप से उपयोगी है।
विद्यार्थियों ने दिखाए ‘सुपरह्यूमन स्किल्स’

कार्यशाला का सबसे आकर्षक हिस्सा विद्यार्थियों द्वारा सुपरह्यूमन स्किल्स का प्रदर्शन रहा। सहिल कुमार, सुहावना, नैनीताल ठाकुर और अन्य विद्यार्थियों ने अपनी अद्वितीय प्रतिभा का प्रदर्शन किया। दो विद्यार्थियों ने केवल 8 सेकंड में 20 अंकों का गुणनफल हल करके दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। अन्य विद्यार्थियों ने मेमोरी रिकॉल, कैलेंडर कैलकुलेशन और रैपिड एनालिटिकल स्किल्स का प्रदर्शन किया, जो सामान्यतः कंप्यूटर से हल करने में भी अधिक समय लेते हैं।

प्राचार्य ने बताया भविष्य का रोडमैप
कॉलेज के प्राचार्य डॉ. परमोद पाटियाल ने कहा कि उन्हें इस बात पर गर्व है कि उनका संस्थान विद्यार्थियों को भविष्य का नेता बनाने में योगदान दे रहा है। उन्होंने बताया कि कॉलेज के 5,000 से अधिक पूर्व छात्र विश्वभर में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट सेवाएँ दे रहे हैं। डॉ. पाटियाल ने डीएमआईटी को एक वैज्ञानिक उपकरण बताया, जो विद्यार्थियों को स्वयं को बेहतर ढंग से समझने में मदद करेगा। उन्होंने यह भी घोषणा की कि कॉलेज प्रशासन भविष्य में नियमित रूप से ऐसी कार्यशालाएँ आयोजित करेगा, जिससे प्रतिवर्ष 1,500 से अधिक विद्यार्थियों और उनके परिवारों को लाभ होगा।
यह कार्यशाला कॉलेज के संकाय सदस्यों, प्रो. लवली राणा, प्रो. एन.डी. खन्ना, डॉ. कल्पना भंडारी, डॉ. वी.पी. सिंह, प्रो. विनोद चंद, प्रो. मधुरी गुप्ता, प्रो. संदीश, और प्रो. चंद्रेश के समर्पित प्रयासों से सफल हुई।
क्या आप चाहेंगे कि इस रिपोर्ट में कोई और जानकारी जोड़ी जाए या इसमें कोई बदलाव किया जाए?

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