चंबा में कुदरत का कहर: भूस्खलन से कई परिवार बेघर, हजारों मणिमहेश यात्री फंसे
आवाज़ जनादेश,चंबा ब्यूरो
चंबा, हिमाचल प्रदेश: चंबा जिले में लगातार हो रही भारी बारिश और भूस्खलन ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। सलूणी उपमंडल के कई गांवों में भूस्खलन के कारण कई परिवार बेघर हो गए हैं और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी है।
प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया
बारिश और भूस्खलन का सबसे ज्यादा असर सलूणी उपमंडल में देखा गया है। यहां की विभिन्न पंचायतों में कई परिवार अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं। ग्राम पंचायत सलूणी में तीन, खरोटी में चार, खरल में तीन, भलेई में सात, हडला में आठ और ब्रांगाल में चार परिवारों को अपने घर छोड़कर रिश्तेदारों के यहां जाना पड़ा है। प्रशासन ने इन परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं। सलूणी के एसडीएम चंद्र बीर सिंह ने बताया कि भलेई में पर्यटन भवन में प्रभावित परिवारों के रहने की व्यवस्था की गई है। एसडीएम ने लोगों से अपील की है कि वे जोखिम भरे इलाकों में जाने से बचें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
मणिमहेश यात्रा पर गए हजारों यात्री फंसे
जिले में भूस्खलन और सड़कों के बंद होने से हजारों मणिमहेश यात्री भी फंस गए हैं। विधानसभा सदन में इस मुद्दे पर गहरी चिंता व्यक्त की गई है। डॉ. जनक राज, डॉ. हंस राज और विधायक डी.एस. ठाकुर ने सदन में चंबा के लोगों की पीड़ा को सामने रखा। उन्होंने बताया कि भारी बारिश के कारण जिले का संपर्क बाकी क्षेत्रों से कट गया है, जिससे राहत और बचाव कार्यों में भी दिक्कतें आ रही हैं।
डलहौजी में टावर गिरा
बारिश के कारण डलहौजी के खैरी में भी भूमि कटाव हुआ है, जिससे एक टावर गिर गया है। लगातार बारिश से मिट्टी का कटाव जारी है, जिससे और भी नुकसान होने की आशंका है। स्थानीय प्रशासन और राहत दल स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और प्रभावित क्षेत्रों में मदद पहुँचाने की कोशिश कर रहे हैं।
चंबा में कुदरत का कहर: भूस्खलन से कई परिवार बेघर, हजारों मणिमहेश यात्री फंसे
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