आवाज़ जनादेश / न्यूज़ ब्यूरो शिमला
जंगलों में लगने वाली आग की घटनाओं को रोकने में पंचायत प्रतिनिधि वन विभाग का सहयोग करेंगे। पंचायत स्तर पर लोगों को जागरूक करने का जिम्मा भी जन प्रतिनिधियों को सौंपा जाएगा। समाज सेवियों, युवा मंडलों और महिला मंडलों को भी वन विभाग अपने साथ जोड़ कर आम लोगों को जागरूक करने और सुरक्षित तरीके से आग को फैलने से रोकने में सहयोग लेगा। फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया के फायर पोर्टल से भी पंचायत प्रतिनिधियों को जोड़ने की योजना है ताकि वनों में आग की सूचना का अलर्ट तुरंत जन प्रतिनिधियों को मिल सके। हिमाचल प्रदेश की सभी 3572 पंचायतों के प्रतिनिधियों को साथ जोड़ने की तैयार है। फायर पोर्टल से जुड़ने के बाद पंचायत प्रतिनिधि वनों में आग की घटनाओं को रोकने और नियंत्रण में मदद कर सकेंगे। भारतीय वन सर्वेक्षण (एफएसआई) पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन एक संगठन है जो देश के वन संसाधनों का नियमित मूल्यांकन और निगरानी करता है।
फायर पोर्टल वनों में आग की घटनाओं की संख्या, स्थान और कारणों का डाटा एकत्र और साझा करने के लिए डिजाइन किया गया है। पंचायत प्रतिनिधि इस पोर्टल के माध्यम से वन आग की घटनाओं की सूचना वन विभाग को दे सकेंगे और खुद भी संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इसका लाभ यह होगा कि आग की घटनाओं को जल्दी और प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकेगा, जिससे वन संसाधनों की रक्षा हो सकेगी। वन विभाग ने अपने अधिकारियों को भी फायर सीजन के चलते जागरूक रहने के निर्देश जारी किए है। वन विभाग का प्रयास है कि हर पंचायत में कम से कम 15 लोगों का ऐसा समूह हो जो वनों में आग की घटनाओं पर काबू करने में सहयोग करे। ऐसे लोगों को आग को नियंत्रित करने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। मंडलीय वन अधिकारियों को इसे लेकर अपने क्षेत्रों में अधिकारियों के साथ बैठक कर व्यवस्थाएं दुरूस्त करने के निर्देश दिए गए हैं।
1070 और 1077 पर दें जंगल में आग की सूचना
वन विभाग ने जंगल में आग लगने की सूचना नजदीकी वन विभाग के कार्यालय में देने का आग्रह किया है। इसके अलावा आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के नियंत्रण कक्ष के नंबर 1070 और 1077 पर भी सूचना दी जा सकती है।वनों में आग की घटनाओं को रोकने में जन सहयोग बेहद जरूरी है। पंचायत प्रतिनिधियों से भी इसमें सहयोग लिया जाएगा। फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया के फायर पोर्टल से भी पंचायत प्रतिनिधियों को जोड़ने की योजना है। पंचायत स्तर पर लोगों को जागरूक करने के लिए विशेष बैठकें भी की जाएंगी।


