हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के हाथ खड़े, बिना बजट नहीं बैठा नीट, एचएएस, नेट प्रशिक्षण का बैच

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आवाज़ जनादेश / न्यूज़ ब्यूरो शिमला

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय परिसर में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए चल रहे पूर्व परीक्षा प्रशिक्षण केंद्र में इस बार बजट न मिलने के कारण नीट, जेईई, बैंक पीओ, यूजीसी नेट और एचएएस के प्रशिक्षण बैच नहीं बैठ पाया है। प्रदेश सरकार की योजनाओं में आरक्षित श्रेणी अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को प्रशिक्षण देने को खोले गए इस केंद्र में सरकार के बजट से ही छात्रों को कोचिंग दी जाती रही है।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग से विद्यार्थियों के लिए लाखों का बजट जारी होता है। इन दोनों वर्ग के लिए तय की वार्षिक आय की सीमा के अनुसार विद्यार्थियों को निशुल्क कोचिंग दी जाती है। इन वर्ग के विद्यार्थियों को बाकायदा 2,500 मासिक स्टाइपंड भी दिया जाता है। इन कोचिंग बैच के शुरू न होने से इन आरक्षित वर्ग के विद्यार्थियों को इस बार न तो कोचिंग मिलेगी और न ही उन्हें स्टाइपंड मिलेगा। इन कोचिंग बैच में सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों को भी तय की गई फीस चुकाने पर प्रशिक्षण की सुविधा मिलती थी, जो इस बार नहीं मिलेगी।

पूर्व परीक्षा प्रशिक्षण केंद्र से प्रदेश भर के ऐसे आरक्षित वर्ग और सामान्य वर्ग के छात्र प्रशिक्षण की सुविधा लेते थे, जो निजी क्षेत्र के भारी भरकम फीस लेने वाले कोचिंग संस्थानों में नहीं जा पाते थे। ऐसे छात्र कोचिंग से वंचित रह गए हैं। केंद्र को 2018 में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से अंतिम बार बजट मिला था, जबकि अनुसूचित जनजाति विभाग की ओर से 2022 में अंतिम बार बजट मिला था। इस बजट को केंद्र खर्च कर चुका है।

यूपीएससी की टॉप-100 योजना में चल रहीं कोचिंग कक्षाएं

विवि परिसर में चल रहे पूर्व परीक्षा प्रशिक्षण केंद्र में वर्तमान में सिर्फ एक यूपीएससी कोचिंग का बैच बिठाया गया है। इसे केंद्र प्रदेश सरकार की कोचिंग कक्षाओं के लिए चलाई गई टॉप-100 योजना के तहत बजट मिला था। इसके लिए केंद्र का दिल्ली की एक संस्था के साथ करार हुआ है, जिसमें ऑनलाइन और ऑफलाइन कोचिंग दी जा रही है।

बिना बजट से शुरू नहीं हो पाईं कोचिंग कक्षाएं

विवि के पूर्व परीक्षा प्रशिक्षण केंद्र के निदेशक और विवि के डीन प्लानिंग प्रो. जोगिंद्र धीमान ने माना कि इस बार सरकार के विभागों की ओर से कोचिंग बैच बिठाने को मांगा बजट नहीं मिला। इससे नीट, जेईई, बैंक पीओ, एचएएस और यूजीसी नेट का प्रशिक्षण बैच नहीं बिठाया जा सका। उन्होंने कहा कि बिना बजट के यह संभव नहीं था। केंद्र के पास पर्याप्त ढांचागत और आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध है, मगर बजट न होने से फैकल्टी की व्यवस्था करना और अन्य खर्च पूरे करना संभव नहीं है। धीमान ने कहा प्रदेश सरकार के साथ निजी कोचिंग संस्थान क्रेक के साथ निशुल्क कोचिंग को लेकर हुए करार को देखते हुए कोचिंग संस्थान क्रेक के साथ केंद्र में इन प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग शुरू करने पर बातचीत कर रहा है । यदि यह संभव हुआ तो, केंद्र जरूतरमंद छात्रों को कोचिंग की सुविधा प्रदान करने का प्रयास करेगा।

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