शिक्षा और काॅलेजों में बनाएं स्मार्ट क्लास रूम, शिक्षकों की कमी हो दूर

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आवाज़ जनादेश / न्यूज़ ब्यूरो शिमला

हिमाचल प्रदेश सरकार के वर्ष 2025-26 के बजट से राज्य के शिक्षा क्षेत्र को कई महत्वपूर्ण उम्मीदें हैं। बदलते परिवेश के बीच अब स्कूलों और कॉलेजों में स्मार्ट क्लासरूम बनाने की आवश्यकता है। शिक्षकों की कमी को दूर करना भी सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। बजट 2025-26 में शिक्षा का बुनियादी ढांचा सुधरने और रोजगारोन्मुखी शिक्षा देने के लिए विशेष प्रावधान होने की आस है। प्री प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती करने और शिक्षकों को नई तकनीक का प्रशिक्षण देने की जरूरत भी है।

स्कूल स्तर से खेल प्रतिभाएं तलाशने और गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा पर भी अधिक ध्यान देना होगा। साल 2024-25 में शुरू की गई योजनाओं को इस साल धरातल पर उतारने के लिए अतिरिक्त बजट देने की भी जरूरत है। शिक्षा संस्थानों की भौतिक संरचना और बुनियादी सुविधाओं में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है। स्कूलों की नए भवन, स्मार्ट क्लास रूम देने की जरूरत है। शिक्षकों की कमी को पूरा करने और उनके प्रशिक्षण पर ध्यान दिया जाना चाहिए। ताकि वे नवीनतम शैक्षिक तकनीकों और विधियों से अवगत हों।

डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए तकनीकी उपकरणों, इंटरनेट सुविधाओं, और ई-लर्निंग प्लेटफार्मों पर अधिक निवेश की संभावना है। शिक्षा में समानता बनाए रखने के लिए विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों और जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए योजनाएं बनाई जा सकती हैं ताकि हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके। गरीब और मेधावी छात्रों के लिए स्कॉलरशिप और वित्तीय सहायता की योजनाओं में वृद्धि हो सकती है। व्यावसायिक और तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में अधिक निवेश किया जा सकता है, ताकि छात्रों को रोजगार पाने के लिए आवश्यक कौशल मिल सकें। कॉलेज स्तर पर प्लेसमेंट सेल गठित होने चाहिए। विद्यार्थियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए भी बजट में प्रावधान होना चाहिए।

500 से अधिक प्राथमिक स्कूलों को मुख्यमंत्री एक्सीलेंस स्कूल बनाया जाए : जगदीश

राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष जगदीश शर्मा का कहना है कि प्रदेश में 500 से अधिक प्राथमिक स्कूलों को मुख्यमंत्री एक्सीलेंस स्कूल बनाया जाना चाहिए। प्री प्राइमरी कक्षाओं के लिए दोबारा नर्सरी अध्यापक नियुक्त करने की बात बजट में होनी चाहिए। खाली पड़े जेबीटी के पदों को भरा जाना चाहिए। अभी 2000 पदों को भरने की प्रक्रिया लंबित है। पूर्व में स्वीकृत पदों की भर्ती जल्दी से जल्दी की जाए और नए पदों की भर्ती प्रक्रिया भी जल्द हो। छोटे बच्चों के लिए अंडर 12 खेलो को राज्य स्तर तक बहाल करने और पर्याप्त बजट का प्रावधान किया जाए। अध्यापकों के 2016 के वेतनमान के बकाए का भुगतान तथा लंबित महंगाई भत्ते की किस्तों के लिए बजट प्रावधान किया जाए। प्राथमिक स्कूलों के बच्चों के लिए आने-जाने हेतु परिवहन व्यवस्था जहां आवश्यक हो की जानी चाहिए। सभी केंद्रीय प्राथमिक स्कूलों में कक्षा वार अध्यापकों का प्रावधान किया जाए।

रिक्त पदों की कमी को किया जाए दूर : शशि

हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के प्रांत मीडिया प्रमुख शशि शर्मा ने कहा कि पाठशालाओं में शिक्षक और गैर शिक्षक के पद रिक्त ना हो। सभी स्कूलों में क्रियाशील प्रयोगशालाएं हों और सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति की जाए। स्कूलों की बिजली व्यवस्था के लिए सोलर पैनल स्थापित किए जाएं।

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