ऊर्जा विकास योजना में हिमाचल को मिलेंगे 300 करोड़, पानी की व्यवस्था में भी होगा सुधार

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आवाज़ जनादेश / न्यूज़ ब्यूरो शिमला

केंद्र सरकार की ओर से पेश किए गए बजट में विदेशों से वित्त पोषित करने वाली एजेंसी हिमाचल को ऊर्जा क्षेत्र में ज्यादा पैसा देगी। हिमाचल प्रदेश ऊर्जा डेवलपमेंट प्लान में प्रदेश को वर्ष 2025-26 में 300 करोड़ रुपये मिलेंगे। बीते वर्ष 2024-25 में हिमाचल को एक भी पैसा नहीं मिला था। वर्ष 2023-2024 में हिमाचल को 163.11 करोड़ का बजट मिला था। हिमाचल में कई बिजली के प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इसी तरह नाबार्ड से पोषित हिमाचल ग्रामीण वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट में भी इस वित्तीय वर्ष में 325 करोड़ रुपये का बजट मिलेगा।

वर्ष 2024-25 में हिमाचल को 219.11 करोड़ जबकि 2023-24 में 121.15 करोड़ रुपये जारी किए गए। केंद्र सरकार की ओर इस बजट में बढ़ोतरी ही हुई है। ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की व्यवस्था सुधारने के लिए यह पैसा मुहैया होगा। हिमाचल के दूर-दराज के ऐसे क्षेत्र है जहां पानी की किल्लत है। वहीं विदेशों से वित्त पोषित एजेंसी के माध्यम से हिमाचल प्रदेश स्टेट रोड प्रोजेक्ट में भी 173.75 करोड़ रुपये मिलेंगे। बीते वित्तीय वर्ष में इस एजेंसी के माध्यम से हिमाचल को 85.61 करोड़ की सहायता मिली थी।

विदेशी एजेंसी से शिमला को कम मिलेगा पैसा

हिमाचल वाटर सीवरेज इंप्रूवमेंट प्रोग्राम में विदेश वित्त पोषित एजेंसी आईबीआरडी से 300 करोड़ रुपये की फंडिंग होगी। बीते वित्तीय बजट की अपेक्षा यह कम है। बीते वर्ष 2024-25 में हिमाचल को 364.14 करोड़ रुपये मिले थे। उल्लेखनीय है कि शिमला में पानी की किल्लत है। सतलुज से शिमला के लिए पानी लाया जा रहा है। इसमें करोड़ों की राशि खर्च की गई है। इस साल शिमला में इस पानी को पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।

होम स्टे बनाने के लिए मिलेगा 10 लाख तक मुद्रा ऋण

होम स्टे बनाने के लिए अब 10 लाख तक मुद्रा ऋण मिलेगा। हिमाचल प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में नए उभरते पर्यटन स्थलों पर इस योजना के लागू होने से स्वरोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा। केंद्र सरकार की मुद्रा योजना के तहत सूक्ष्म और लघु व्यवसायों के लिए 10 लाख रुपये तक कर्ज का प्रावधान है। हिमाचल प्रदेश में मौजूदा समय में 4000 से अधिक होम स्टे पंजीकृत हैं। हिमाचल प्रदेश में सरकार ने नई होम स्टे नीति बनाई है, इसमें हिमाचलियों के साथ अन्य राज्यों के लोगों को भी वरीयता देने का प्रावधान किया गया है। हालांकि अभी यह नीति अधिसूचित नहीं हुई है। हिमाचल में साल 2008 में धूमल सरकार ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए आय का अतिरिक्त साधन बनाने के लिए होम स्टे नीति लेकर आई थी। उस समय होमस्टे के लिए बिजली पानी का बिल घरेलू दरों पर वसूलने का प्रावधान था और पंजीकरण शुल्क भी महज 100 रुपये रखा गया था, मौजूदा सरकार ने नई होम स्टे नीति में बिजली पानी की दरें व्यवसायिक दरों पर वसूले और पंजीकरण और नवीनीकरण शुल्क की दरें 5,000 से 12,000 रुपये तक निर्धारित कर दी है।

इलेक्ट्रिक वाहन सस्ते होने से सरल होगी ग्रीन स्टेट की राह

बजट में ईवी बैटरी विनिर्माण के लिए अतिरिक्त छूट की घोषणा की गई है। उम्मीद जताई जा रही है कि इससे इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों में गिरावट आएगी। प्रदेश सरकार हिमाचल को ग्रीन स्टेट बनाने की दिशा में प्रयासरत है। एचआरटीसी की सभी बसों को इलेक्ट्रिक बसों में बदलना प्रस्तावित है। सभी सरकारी विभागों में नए वाहन सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहन ही खरीदने के निर्देश जारी किए गए हैं।

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