आवाज़ जनादेश / न्यूज़ ब्यूरो शिमला
हिमाचल में बुधवार को शुष्क मौसम का बड़ा फायदा पीडब्ल्यूडी ने उठाया है। प्रदेश भर में बर्फबारी के बाद बंद 80 फीसदी सडक़ें दोबारा खुल गई हैं। विभाग ने रोहड़ू सर्किल में 100 फीसदी सडक़ें बहाल कर ली हैं। विभाग ने यहां बुधवार को सभी 22 मार्गों के बहाल कर लिया है। सोमवार को बर्फबारी की वजह से 136 सडक़ें बाधित हुई थी। इन सडक़ों को बहाल करने के लिए पीडब्ल्यूडी ने 28 जेसीबी समेत 37 मशीनें तैनात की थी। विभाग को तीसरे दिन सभी मार्गों को बहाल करने में कामयाबी मिल गई है। विभाग ने मंडी जिला में गुरुवार को 15 सडक़ें आवाजाही के लिए खोल दी। अब यहां एकमात्र सडक़ बंद बची है। विभाग ने गुरुवार शाम तक इस सडक़ को भी बहाल कर लेने की बात कही है।
इसके अलावा शिमला में 69 में 54 सडक़ों को दोबारा से खोल दिया है। विभाग ने यहां बची 15 सडक़ों को आगामी 24 घंटे में बहाल करने का लक्ष्य तय किया है। इसके अलावा अन्य जगहों की बात करें, तो बर्फबारी प्रभावित क्षेत्र रामपुर में 62 में से 34, कुल्लू में 59 में से 29 सडक़ों को दोबारा से खोला जा चुका है। इन क्षेत्रों में फंसे लोग राहत महसूस कर रहे हैं। दर्जनों क्षेत्रों में 48 घंटे बाद बसों और अन्य वाहनों की आवाजाही शुरू हो पाई है। पीडब्ल्यूडी ने इन सडक़ों को बहाल करने के लिए 301 मशीनें तैनात की हैं। विभाग को बर्फबारी की वजह से अभी तक चार करोड़ 55 लाख रुपए के नुकसान का अनुमान है। इसकी रिपोर्ट शिमला मुख्यालय को भेज दी गई है।
बिजली बोर्ड ने दुरुस्त किए 300 ट्रांसफार्मर
बिजली बोर्ड ने प्रदेश भर में करीब 300 ट्रांसफार्मर दुरुस्त कर लिए हैं। ग्रामीण इलाकों में दोबारा बिजली लौट आई है। हालांकि प्रदेश भर में अभी भी 65 ट्रांसफार्मर ठप पड़े हैं। यहां आगामी दो दिन में सभी ट्रांसफार्मर को बहाल कर लेने की बात कही है। पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता एनपी सिंह ने बताया कि 80 फीसदी सडक़ें बहाल कर ली गई हैं। जबकि 20 फीसदी सडक़ों को आगामी 24 घंटे में बहाल कर लिया जाएगा। पीडब्ल्यूडी ने सडक़ बहाल करने को पूरी ताकत झोंक दी है।
सडक़ें खोलने का काम जोरों पर
पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण बाधित सडक़ों में यातायात के सुचारू संचालन के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है। विभाग ने अधिकांश बाधित सडक़ों को समयबद्ध खोला गया है। बर्फबारी से प्रभावित होने वाले चिन्हित क्षेत्रों में पर्याप्त संख्या में कार्यबल और मशीनरी तैनात की गई है। यह प्रयास किया जा रहा है कि पर्यटन सीजन के दौरान पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोगों को भी किसी असुविधा का सामना न करना पड़े।