राहुल गांधी की यात्रा से सामने आया हाथरस का सच हैरान करता था

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आवाज जनादेश / न्यूज ब्यूरो शिमला

कांग्रेस ने कहा है कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के हाथरस में पीड़ित परिवारों के सदस्यों से मिलने से उनका सच देश के सामने आया है और सब हैरान हैं कि मोदी सरकार ने पीड़ितों की मदद के लिए जो वादे किये थे वे पूरे नहीं हुए हैं। कांग्रेस ने कहा कि उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने हाथरस के मामले में कभी सच नहीं बोला है। इस मुद्दे पर शुरु से असत्य बोला गया है और मामले पर पर्दा डालने का प्रयास होता रहा है, लेकिन अब पीड़त परिजनों की जो सच्चाई लोकसभा में विपक्ष के नेता की यात्रा से सामने आई है वह हैरान करने वाली है। महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अलका लाम्बा ने मंगलवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा था कि दलित बेटी का अंतिम संस्कार परिवार की सहमति और उपस्थिति में हुआ, लेकिन सच्चाई यह है कि पुलिस और प्रशासन ने रात के अंधेरे में शव पर पेट्रोल डालकर उसे जला दिया। यह 14 सितंबर 2020 की घटना है जब चार युवाओं ने एक 19 साल की दलित बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था और 22 सितंबर को वह दलित बेटी खुद अपना बयान दर्ज करवाने जाती है तथा 28 सितंबर को दिल्ली में उस बेटी की इलाज के दौरान मौत हो जाती है और उसी दिन आनन-फानन में उसके शव को पेट्रोल डालकर जला दिया जाता है।

उन्होंने कहा, “एक अक्टूबर को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पीड़ित परिवार से मिलने जाते हैं, लेकिन उन्हें डीएनडी फ्लाईओवर पर रोक दिया गया। सरकार ने हमें पीड़ित परिवार तक नहीं पहुंचने दिया ताकि हम सच न जान सकें और उन्हें न्याय न दिला पाएं। हम सरकार के उस आश्वासन के साथ लौट आए कि पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा दिया जाएगा, लेकिन परिवार को आज तक मुआवजा नहीं दिया गया। सरकार ने पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का वादा किया था- जो नहीं मिली। वादा था कि इस केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाएगा- जो नहीं चलाया गया। पीड़ित परिवार के पुनर्वास का वादा था- ये वादा भी पूरा नहीं किया गया।”

श्रीमती लाम्बा ने कहा, “गत 12 दिसंबर को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी हाथरस पहुंचे और सरकार के सारे दावों को बेनकाब कर दिया। उन्हें पता चला कि सीआरपीएफ ने चार साल से उन्हें बंदियों की तरह रखा हुआ है और उन्हें कहीं आने-जाने के लिए लिखित में अनुमति लेनी पड़ती है। नेता विपक्ष ने कहा कि अगर सरकार अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाएगी तो हम उस परिवार के साथ खड़े रहेंगे। उनका पुनर्वास कर उन्हें सुरक्षा देने तक हम उनका साथ निभाएंगे। श्री गांधी का पीड़ित परिवार से मिलना और उस बात को सदन में रखना उन सभी पीड़िताओं की उम्मीद को जिंदा रखना है।” उन्होंने कहा, “अगर मुख्यमंत्री सरेआम असत्य बोलते हैं और अपराधियों को संरक्षण मिल रहा है तो यह पूरी सरकार और प्रशासन पर सवाल खड़ा करता है। जब कोर्ट ने 2022 में उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि आपने पीड़ित परिवार से अपना वादा पूरा क्यों नहीं किया, तब सरकार ने कहा कि हम वादे पूरे करने को बाध्य नहीं हैं। परिवार का कहना है कि केस में रेप की धारा हटा दी गई इसीलिए तीन आरोपी बरी हो गए जबकि पीड़िता ने मृत्यु से पहले लिखकर दिया था कि उसके साथ गैंगरेप हुआ है। परिवार सबूत मिटाने के आरोप भी लगाता है। जब पुलिस से पूछा जाता है कि रात में ढाई बजे क्या जला रहे हैं तो पुलिसवाले सच नहीं बोल पाए।”

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