आवाज़ जनादेश / न्यूज़ ब्यूरो शिमला
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पौंग बांध विस्थापित को जमीन न मिलने पर कड़ा संज्ञान लिया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने चार सप्ताह में याचिकाकर्ता को जमीन आवंटित कराने के निर्देश दिए हैं। ऐसा नहीं होने पर राजस्थान के मुख्य सचिव को अगली सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित रहने को कहा है।
प्रतिवादियों की ओर से अदालत में हलफनामा दायर किया। इसमें कहा गया कि याचिकाकर्ता को जमीन आवंटित करने के लिए कोई निर्विवाद भूमि उपलब्ध नहीं हैं। अदालत ने कहा कि राजस्थान सरकार की नाक के नीचे गंगानगर की जमीन पर अतिक्रमण किया गया है और सरकार चुप बैठी है। हाईकोर्ट ने राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव और अन्य उत्तरदाताओं को अतिक्रमणकारियों को जमीन से हटाने के निर्देश दिए।
अदालत ने गंगानगर की चयनित जमीन को याचिकाकर्ता को आवंटित करने को कहा है। हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि जिसने अपने राज्य में अपना चूल्हा चौका, जमीन और घर खो दिया है, उसे अपनों से बहुत दूर की जगह पर जमीन लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है। इसके बावजूद जमीन नहीं दी जा रही है। इस मामले की अगली सुनवाई 8 जनवरी को होगी।