आवाज़ जनादेश / न्यूज़ ब्यूरो शिमला
हिमाचली प्रदेश सेब की मिठास जम्मू-कश्मीर से लेकर लेह-लद्दाख तक पहुंचेगी। उद्यान विभाग के पास पहली बार बाहरी राज्य से सेब के रूट स्टॉक की डिमांड आई है। इस साल जम्मू-कश्मीर ने हिमाचल के उद्यान विभाग के पास 1 लाख 26 हजार 500 रूट स्टॉक का ऑर्डर दिया है। इसके अलावा स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर साइंसेस एंड टेक्नोलॉजी लेह-लद्दाख की ओर से तीन हजार पौधों की डिमांड आई है। जम्मू-कश्मीर के सात जिलों में हिमाचल का सेब उगाया जाएगा। यह पौधे चकोरी, रासी, कठुआ, किश्तवाड़ा, डोडा, चकोरी और रायबन जिले में भेजे जाएंगे। इसके वितरण के लिए विभाग की ओर से तैयारी कर ली गई है। जम्मू-कश्मीर से विभाग की टीम हिमाचल में नर्सरियों के दौरे की लिए आएगी।
10 दिसंबर के बाद पौधों को वितरण करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इसके लिए 77 रुपये प्रति पौधा दाम तय किए गए हैं। हिमाचल के बागवानों को यही पौधा 75 रुपये में दिया जा रहा है। बाहरी राज्यों में जाने के लिए दो रुपये इसके पैकिंग चार्ज रखे गए हैं। जम्मू-कश्मीर के लिए शिमला, कुल्लू, मंडी, सिरमौर और सोलन की पौधशालाओं से पौधे दिए जाएंगे। जबकि लेह-लद्दाख के लिए पौधों की सप्लाई शुरू हो गई है। यहां के लिए फल संतती एवं प्रदर्शन जंजैहली मंडी से पौधे दिए जाने शुरू कर दिए गए हैं। यहां से सेब और स्टोन फ्रूट दोनों के पौधों की डिमांड आई थी। नर्सरी मैनेजमेंट सोसायटी की ओर से प्रदेश भर की 93 पीसीडीओ (फल संतती एवं प्रदर्शन उद्यान पौधशाला) में 74 किस्मों के छह लाख पौधे तैयार किए गए हैं। इसमें 32 किस्में सेब की है। 93 पीसीडीओ में से प्रदेश भर में विभाग की 49 नर्सियां भी हैं।
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