आवाज़ जनादेश / न्यूज़ ब्यूरो शिमला
पंचायतों में जिनके नाम परिवार रजिस्टर में दर्ज नहीं हैं, अब वह भी मवेशियों का ब्योरा एक फॉर्म भरकर देंगे। ऐसे तमाम परिवारों से फॉर्म बी भरवाया जाएगा। फॉर्म ए उनके लिए है, जिनका परिवार रजिस्टर में नाम है। इसमें उनके पास मौजूद मवेशियों का लेखा-जोखा तैयार किया जाएगा। ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि इससे मवेशियों का सही रिकॉर्ड पंचायतों के पास मौजूद हो सके। इससे लावारिस पशुओं की समस्या के निपटारे में भी आसानी होगी।
प्रदेश सरकार के पंचायती राज सचिव राजेश शर्मा ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। फॉर्म ए में परिवार संख्या डालनी होगी, जबकि फॉर्म बी से इस कॉलम को हटा दिया गया है। दोनों ही फॉर्म में जिला, विकास खंड, ग्राम पंचायत, गांव और पशुपालक का नाम लिखन होगा। इसके अनुसार मवेशियों के पंजीकरण और इससे संबंधित रिकॉर्ड को बनाए रखने के लिए यह व्यवस्था की गई है।
देनी होंगी आठ तरह की जानकारियां
दोनों ही तरह के फॉर्म में आठ तरह की जानकारियां देनी होंगी। इनमें मवेशियों के प्रकार, इनकी प्रजातियां या ब्रीड, लिंग, आयु और रंग बताना होगा। शरीर के उस भाग की भी जानकारी देनी होगी, जहां पर पहचान चिह्न अंकित है। पशुपालन विभाग की ओर से जारी पंजीकरण नंबर भी देना होगा और पशु की एंट्री का कारण बताना होगा कि यह जन्म होने पर की जा रही है या फिर इसे खरीद होने पर किया जा रहा है।