आवाज जनादेश / न्यूज ब्यूरो शिमला
पीडब्ल्यूडी ने सर्दियों की एडवांस तैयारी शुरू कर दी है। बर्फबारी संभावित इलाकों में भारी मशीनरी का जमावड़ा अब आने वाले दिनों में लगने वाला है। पीडब्ल्यूडी ने मैदानी इलाके जिनमें बर्फबारी नहीं होगी से भारी मशीनों को ऊपरी क्षेत्रों में ट्रांसफर करने की तैयारी की है, ताकि बर्फबारी के दौरान इन मशीनों का इस्तेमाल बर्फ हटाने में किया जा सके। जिन मशीनों को ऊपरी क्षेत्र में ट्रांसफर किया जाना है उनमें जेसीबी, डोजर और शहर से सटे इलाकों में रोबोट मशीनें शामिल हैं। पीडब्ल्यूडी खासतौर पर शिमला, कुल्लू, किन्नौर, लाहुल-स्पीति और चंबा जिलों में यह प्रयोग करने जा रहा है। बीते दो साल से विभाग सर्दियों के दौरान मैदानी इलाकों की मशीनरी का इस्तेमाल पहाड़ों पर कर रहा है।
विभाग हर साल 30 से 50 की संख्या में भारी मशीनों को बर्फबारी प्रभावित क्षेत्रों में भेजता है। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर ठेकेदारों की मदद भी बर्फ हटाने में ली जाती है। विभाग ने भविष्य में उन ठेकेदारों को भी संदेश भेजने का फैसला किया है, जिनके पास जेसीबी है और पीडब्ल्यूडी में पंजीकृत हैं। बीते दो साल की बात करें तो 2023 में करीब 250 सडक़ें फरवरी माह तक बर्फबारी की वजह से प्रभावित हुई थी। 25 करोड़ के नुकसान का अनुमान विभाग ने लगाया था, जबकि इसी साल दिसंबर से फरवरी तक 600 से अधिक सडक़ें बाधित हुई। इनमें से ज्यादातर सडक़ें फरवरी में प्रभावित हुई थी।
निजी ठेकेदारों की मदद लेगा महकमा
पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता एनपी सिंह का कहना है कि विभाग बर्फबारी को लेकर पहले से ही अलर्ट है। मौसम खराब होने के साथ ही विभाग का काम शुरू हो जाएगा। मैदानी इलाकों से बड़ी मशीनों को पहाड़ों पर शिफ्ट किया जाएगा, जबकि निजी ठेकेदारों की मदद भी इस दौरान ली जाएगी। विभाग का पहला कार्य सडक़ बहाल करने का है और कम से कम समय में यातायात बहाल हो इस पर ध्यान केंद्रित रहेगा।