आवाज़ जनादेश / न्यूज़ ब्यूरो शिमला
हिमाचल प्रदेश के सूखे और कम बारिश वाले क्षेत्रों के किसानों के लिए राहत की खबर है। कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर गेहूं की ऐसी किस्म विकसित करने में जुटा है, जो कम पानी में भी बेहतर उत्पादन देगी। यह शोध प्रदेश के उन इलाकों के लिए उम्मीद लेकर आ रहा है, जहां अभी तक बारिश पर निर्भरता के कारण गेहूं की खेती संभव नहीं हो पाती। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, प्रदेश का बड़ा हिस्सा अभी भी गेहूं की खेती के लिए केवल बारिश के पानी पर निर्भर है।
सूखे के कारण कई खेत खाली रह जाते हैं और किसान फसल न उगाने पर मजबूर हो जाते हैं। इस साल भी चंगर क्षेत्रों सहित कई इलाकों में बारिश की कमी से गेहूं की फसल नहीं बोई जा सकी और किसान आसमान की ओर देख रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, विवि एक ऐसी तकनीक और बीज विकसित करने पर काम कर रहा है, जो कम पानी में भी गेहूं की फसल को फलने-फूलने में सक्षम बनाएगा।
प्रदेश में जिन क्षेत्रों में कम बारिश होती है या पानी कम है, वहां गेहूं की फसल कम होती है। ऐसे क्षेत्र में गेहूं की फसल हो सके, इसपर कृषि विवि पालमपुर में शोध जारी है।