आस्ट्रेलिया में हिमाचल की ई-विधान प्रणाली के चर्चे, राष्ट्रमंडल सम्मेलन में बोले कुलदीप पठानिया

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आवाज़ जनादेश / न्यूज़ ब्यूरो शिमला

सिडनी में विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने हिमाचल की बात की है। हिमाचल विधानसभा के ई-विधान मॉडल पर कुलदीप पठानिया ने अपनी बात रखी है। पठानिया सिडनी में राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। कुलदीप पठानिया ने कहा कि भारत प्रौद्योगिकी से लैस एक आधुनिक राष्ट्र है। इसकी टेक्नोलॉजी की मिसाल दुनिया में दी जाती है। उन्होंने कहा कि हिमाचल भी इस दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहा है। श्री पठानिया ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा के ई-विधान मॉडल की देश और दुनिया ने प्रशंसा की है। मलेशियन पार्लियामेंट के स्पीकर सात सदस्य दल के साथ पूर्व में हिमाचल प्रदेश की ई- विधान प्रणाली को देखने और जानने शिमला आ चुके हैं। उन्होंने हिमाचल ई-विधान प्रणाली लागू करने वाले पूरे देश में प्रथम है और अब राष्ट्रीय ई-विधान को अपनाने जा रहे हैं। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि भारत दुनिया का राष्ट्र पुरुष है। भारत धार्मिक और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद से प्रेरित देश है, जहां 140 करोड़ देशवासी अलग-अलग धर्म और संस्कृति होने के बावजूद एक परिवार और समुदाय के रूप में रहते हैं। श्री पठानिया ने कहा कि देशवासी दिवाली, ईद और क्रिसमस मिलकर मनाते हैं जो इसकी अखंडता के प्रति कटिबद्धता को दर्शाता है।

पठानिया ने कहा कि भारत देश पौराणिक परंपराओं को मानने वाला देश है और हम अब भी अतिथि देवो भव: की संस्कृति के कायल हैं। सम्मेलन के आखिरी दिन ‘भेदभावपूर्ण कानून का मुकाबला लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ सक्रियता के 365 दिन’ पर अपने विचार प्रकट करते हुए कुलदीप पठानिया ने कहा कि लिंग आधारित हिंसा मानवाधिकारों का व्यापक उल्लंघन है, जो सभी जनसांख्यिकीय व्यक्तियों को प्रभावित करती है और महिलाओं और हाशिए पर रहने वाले समूहों पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालती है। इसमें व्यक्तियों के लिंग के आधार पर शारीरिक, यौन, भावनात्मक और आर्थिक शोषण सहित कई हानिकारक व्यवहार शामिल हैं। लिंग आधारित हिंसा न केवल गंभीर शारीरिक और मनोवैज्ञानिक नुकसान पहुंचाती है, बल्कि प्रणालीगत असमानता और भेदभाव को भी बढ़ावा देती है।

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