सीएम सुक्खू ने कहा बागबानों को मिलेगी सुविधा, इस साल 1545 मीट्रिक टन एप्पल जूस कंसंट्रेट का उत्पादन
आवाज़ जनादेश / न्यूज़ ब्यूरो शिमला
हिमाचल प्रदेश में इस सेब सीजन के दौरान एप्पल जूस कंसंट्रेट का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। इस उत्पादन पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एचपीएमसी को बधाई दी है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार किन्नौर जिला के टापरी में जियोथर्मल कोल्ड स्टोर बनाने की योजना बना रही है। इस कोल्ड स्टोर की अगले वर्ष आरंभ होने की संभावना है। पिछले वर्ष की 21,000 मीट्रिक टन की तुलना में क्रशिंग क्षमता में इस वर्ष 39,000 मीट्रिक टन की वृद्धि दर्ज की गई है। इसके अतिरिक्त ग्रेडिंग और पैकेजिंग क्षमता 15,900 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 33,900 मीट्रिक टन हो गई है। पराला और जरोल की वाइन इकाइयों की संयुक्त वार्षिक क्षमता 1.50 लाख लीटर है। पराला में एक नई सिरका इकाई की वार्षिक क्षमता 50,000 लीटर है, जबकि पराला में एक नई पेक्टिन इकाई प्रति दिन 1.2 मीट्रिक टन उत्पादन कर सकती है और रेडी टू सर्व जूस इकाई की दैनिक क्षमता 20,000 लीटर है।
एचपीएमसी ने दिल्ली मेट्रो स्टेशनों और देश भर के अन्य प्रमुख स्थानों पर नए खुदरा आउटलेट खोलकर बाजार में सफलतापूर्वक अपनी उपस्थिति दर्ज की है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश बागबानी उपज विपणन एवं प्रसंस्करण निगम (एचपीएमसी) द्वारा चार अक्तूबर तक तीन संयंत्रों के माध्यम से रिकॉर्ड 1,545 मीट्रिक टन सेब जूस कंसंट्रेट का प्रसंस्करण किया है। उन्होंने कहा कि शिमला जिला के पराला संयंत्र से 814 मीट्रिक टन, सोलन जिला के परवाणु संयंत्र से 653 मीट्रिक टन और मंडी जिला के जरोल संयंत्र से 78 मीट्रिक टन सेब जूस कंसेंट्रेट का प्रसंस्करण किया गया है। सीएम ने कहा कि एचपीएमसी खरीदे गए लगभग सभी सेबों का सर्वोत्तम उपयोग सुनिश्चित कर रहा है और बहुत कम संख्या में फलों को नीलामी के माध्यम से बेचा जा रहा है।29200 मीट्रिक टन सेब खरीदा
सीएम ने कहा कि खरीद मानकों की अनुपालना करते हुए इस सीजन में खरीदे गए 92 प्रतिशत सेबों का प्रसंस्करण किया जा रहा है। इस वर्ष एमआईएस के तहत हिमाचल प्रदेश में कुल 29,200 मीट्रिक टन सेब खरीदे गए हैं। इसमें से एचपीएमसी के 206 खरीद केंद्रों के माध्यम से 19,437 मीट्रिक टन, हिमफेड के 109 केंद्रों के माध्यम से 9,764 मीट्रिक टन सेब खरीदे गए। मंडी मध्यस्थता योजना के तहत सेब खरीद की गुणवत्ता बढ़ाने के प्रयास में एचपीएमसी ने क्रेटों का उपयोग करके किसानों से 1,219 मीट्रिक टन सेब की खरीद की है। पहली बार चंबा जिले के दूरदराज के क्षेत्र पांगी में भी सेब की खरीद शुरू हो गई है।
एचपीएमसी ने मंडी मध्यस्थता योजना में सुधार के लिए शुरू किया है ऑनलाइन पोर्टल
मुख्यमंत्री ने कहा कि एचपीएमसी ने एमआईएस में सुधार के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया गया है और इसके माध्यम से खरीद की प्रक्रिया अब ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से की जाती है। इसमें खरीद, परिवहन, प्रसंस्करण संयंत्रों में फलों की नीलामी, सीए स्टोर की बुकिंग और सीधे बैंक हस्तांतरण लिंकेज के आंकड़े उपलब्ध होते हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने सेब की बिक्री के लिए यूनिवर्सल कार्टन के उपयोग को अनिवार्य बनाकर सेब उत्पादकों के कल्याण को सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया है। इसके अलावा राज्य सरकार ने सीए स्टोर के लिए किराया शुल्क भी 1.90 रुपए से घटाकर 1.60 रुपए प्रति किलोग्राम कर दिया है। बागवानों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से एचपीएमसी ने सेब उत्पादकों को प्रदान किए जाने वाले कीटनाशकों और उर्वरकों के लाभ मार्जिन को 15 प्रतिशत से घटाकर नौ प्रतिशत कर दिया है।