कहा, आरोपी को मामले से जुड़े दस्तावेज न दिखाना गलत
आवाज जनादेश / न्यूज ब्यूरो शिमला
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मनी लांड्रिंग से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए आरोपी को माामले से जुड़े दस्तावेज न दिखाने पर फटकार लगाई है। मामले की सुनवाई जस्टिस एएस ओका,जस्टिस ए अमानुल्लाह और जस्टिस एजी मसीह की बैंच कर रही थी, जबकि ईडी की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू कोर्ट में मौजूद रहे। बैंच ने ईडी से पूछा कि क्या एजेंसी का आरोपी को जांच के दौरान जब्त किए दस्तावेजों को देने से जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन नहीं है। 2022 का सरला गुप्ता बनाम ईडी मामला इस सवाल से संबंधित है कि क्या जांच एजेंसी आरोपी को उन महत्त्वपूर्ण दस्तावेजों से वंचित कर सकती है, जिन पर वह प्री-ट्रायल चरण में पीएमएलए मामले में भरोसा कर रही है।
बैंच ने कहा कि यदि कोई आरोपी जमानत या मामले को खारिज करने के लिए दस्तावेजों पर निर्भर करता है, तो उसे दस्तावेज मांगने का अधिकार है। हालांकि सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि आरोपी को ऐसा कोई अधिकार नहीं है, वह अदालत से इस पर गौर करने का अनुरोध कर सकता है। मान लीजिए कि ऐसा कोई दस्तावेज नहीं है और यह स्पष्ट रूप से कन्विक्शन का मामला है और आरोपी केवल मुकदमे में देरी करना चाहता है, तो यह अधिकार नहीं हो सकता। इसके बाद बैंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया।