सेब बगीचों में असमय पतझड़ से बागवान चिंतित

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फल की गुणवत्ता और रंग पर भी पड़ रहा असर, स्प्रे समय अनुसार न होने से बढ़ी दिक्कत

आवाज जनदेस/न्यूज ब्यूरो शिमला

कुल्लू। जिले के कुछ क्षेत्रों में सेब सीजन के बीच में पौधों से पतझड़ होने से बागवान चिंतित हैं। सेब पौधों से पत्ते पीले होकर समय से पूर्व ही गिर रहे हैं। इससे सेब की गुणवत्ता और रंग पर असर पड़ रहा है। जिले के खराहल, नग्गर खंड, पार्वती घाटी सहित अन्य क्षेत्रों में यह समस्या देखने को मिल रही है।

यह समस्या उन बगीचों में अधिक है, जहां स्प्रे शेड्यूल के अनुसार नहीं किया गया है। बागवानी विभाग के विशेषज्ञों ने असमय पतझड़ पर नियंत्रण करने के लिए दवाओं का छिड़काव करने की सलाह दी है। कुल्लू जिले में सेब सीजन इन दिनों चरम पर है। सेब के पौधों में पहला तुड़ान करने के बाद दूसरे तुड़ान के लिए रंगदार सेब होने में समय लगता है। इस बीच जरूरी रहता है कि सेब के पत्ते हरे भरे रहें, जिससे पौधा अपनी खुराक पूरी करें और सेब का आकार और रंग भी बेहतर बने।

जिन बगीचों में असमय पतझड़ देखने को मिल रही है, वहां सेब की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। बागवान टोरी राम, मेहर चंद और राजू ने कहा कि इस बार बरसात भी सामान्य से कम ही देखने को मिली है, लेकिन बगीचों में सेब के पत्ते पीले होकर गिर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बगीचों में असमय पतझड़ की समस्या सितंबर महीने में और अधिक देखने को मिलेगी। समय से पूर्व गिर रहे सेब के पत्तों को लेकर घाटी के बागवान परेशान हैं।

बरसात अधिक या कम होने का असमय पतझड़ पर असर नहीं होता है। जिन बगीचों में समयसारिणी के अनुसार दवाइयों का छिड़काव नहीं किया गया, वहां यह समस्या है। इस पर नियंत्रण करने के लिए बागवान विशेषज्ञों के अनुसार बताई गई सारिणी के अनुसार दवाइयों का छिड़काव करें।

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