आवाज जनादेश/न्यूज ब्यूरो शिमला
तकनीकी शिक्षा एवं नगर नियोजन मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि हिमाचल के समग्र विकास को सुनिश्चित बनाना सभी की जिम्मेदारी है। चाहे वह राजनीतिज्ञ हैं या फिर कर्मचारी, किसान व बागबान। हर व्यक्ति को राज्य के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी, तभी प्रदेश का संपूर्ण विकास हो सकेगा। उन्होंने कहा कि हम उन सभी का आभार जताते हैं, जो इमानदारी के साथ अपनी डयूटी निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कर्मचारी सरकार का अभिन्न अंग हैं। राजेश धर्माणी ने कहा कि कांगे्रस सरकार हमेशा से कर्मचारियों की सबसे बड़ी हितैषी रही है और वर्तमान सुखविंदर सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार ने कर्मचारियों के लिए ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। कर्मचारियों के साथ ओल्ड पेंशन स्कीम का वादा किया गया था, जिसे पूरा किया गया है। सरकार ने एक साल के कार्यकाल में ही 7 फीसदी डीए कर्मचारियों को दे दिया था। साथ ही 75 साल से ऊपर के सेवानिवृत कर्मचारियों का एरियर देने की भी घोषणा कर दी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के ऊपर 85 हजार करोड़ रुपए का कर्जा है।
यह कर्जा हमने नहीं लिया बल्कि पूर्व सरकार ने विरासत में हमें दिया है। इस समय एक लाख 16 हजार रुपए से ज्यादा प्रति व्यक्ति कर्जा है। इसलिए सरकार कुछ कड़े कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि पिछले साल भी प्रदेश पर बड़ी आपदा आई थी, जिससे करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ। भारत सरकार को 9 हजार करोड़ से ज्यादा की मांग भेजी, जिसमें फूटी कौड़ी नहीं मिली। उन्होंने कहा कि विपक्ष की भी जिम्मेदारी है कि वह भी केंद्र से इस मामले को उठाए। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के समय में कर्मचारियों की देनदारी थी जो आज उनकी सरकार पर थोपी गई है। इसके अलावा एनपीएस कर्मचारियों की देनदारी अभी भी केंद्र सरकार के पास अटकी हुई है। श्री धर्माणी ने कहा कि महासंघ के पदाधिकारियों के साथ सौहादपूर्ण माहौल में बातचीत हुई है और उनको भरोसा जताया है कि सभी मांगें पूरी करेंगे। सीएम ने 6 महीने का समय मांगा है, जिस पर इन प्रतिनिधियों ने भी बात को माना है और कहा है कि वह सरकार के साथ पूरा सहयोग करेंगे।
ऐसे ही नहीं बन जाते मंत्री
तकनीकी शिक्षा एवं नगर नियोजन मंत्री ने कहा कि इस मामले में सचिवालय कर्मचारियों ने बवाल मचाया है, जो उनका अधिकार है, मगर सभी बातें शांतिपूर्ण तरीके से होती हैं इस तरह से बवाल नहीं होता। इस पर जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया है, वह पूरी तरह से अभद्र है और किसी को इसका अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि मंत्री ऐसे नहीं बनते हैं, इसके लिए जनता चुनकर भेजती है और मैं घुमारवीं की जनता का आभारी हूं, जिन्होंने मुझे यहां तक पहुंचाया। उन्होंने कांग्रेस हाईकमान का भी आभार जताया। उन्होंने कहा कि सचिवालय कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष सभी को सर्टिफिकेट बांट रहे हैं कि कौन कैसा है। उन्होंने कहा कि सचिवालय कर्मचारी नेताओं का कंडक्ट रूल की जानकारी होनी चाहिए जो अपने दायरे से बाहर रहकर बात कर रहे हैं।
षडयंत्रकारियों के झांसे में आ रहे कर्मचारी
राजेश धर्माणी ने कहा कि आम कर्मचारी सरकार की कार्यप्रणाली से खुश है लेकिन सचिवालय के तीन-चार कर्मचारी अपने फायदे के लिए राजनीति कर रहे हैं। एक नेता मेरे कार्यालय में लगने के लिए भी आया था मगर मैनें उसे नहीं लगाया। यह सरकार के खिलाफ षड्यंत्र करने वालों के साथ जुड़े हैं और दूसरे कर्मचारियों को मोहरा बना रहे हैं। सरकार ने बिना किसी दवाब के पहले भी डीए दिया है और आगे भी प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि सचिवालय के तीन-चार कर्मचारी नेताओं ने अवमानना की है और कंडक्ट रूल की अवहेलना की है। भविष्य में इन पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अपनी नेतागिरी के चक्कर में प्रदेश का माहौल खराब नहीं करना चाहिए बल्कि सरकार का सहयोग करना चाहिए।