मलाणावासियों ने एकजुटता का संदेश देते हुए मलाणा के उफनते नाला पर एक लकड़ी का पुल तैयार कर दिया। अब ग्रामीणों ने हेलीपैड बनाने के लिए मोर्चा संभाल लिया है।
आवाज जनादेश/न्यूज ब्यूरो शिमला
किसी भी मुश्किल वक्त में चुनौतियों को स्वीकार कर उनका समाधान कैसे निकाला जाता है, इसे दुर्गम कहे जाने वाले मलाणावासियों सीखना चाहिए। एक सप्ताह पहले आई आपदा ने मलाणा को देश दुनिया से काटकर रख दिया है। गांव के लिए सड़क, बिजली, पानी की आपूर्ति ठप है। इसके बावजूद मलाणा के लोगों का हौसला नहीं टूटा।
दो दिन पहले ग्रामीणों ने एकजुटता का संदेश देते हुए मलाणा के उफनते नाला पर एक लकड़ी का पुल तैयार कर दिया। अब ग्रामीणों ने हेलीपैड बनाने के लिए मोर्चा संभाल लिया है। बुधवार को काफी अधिक संख्या में ग्रामीण हेलीपैड के लिए जगह समतल करने में जुट रहे। किसी ने कुदाली, फावड़ के साथ तो किसी ने पत्थर तोड़कर अपना सहयोग दिया। मलाणा में हो रही बारिश के बीच ग्रामीण हेलीपैड के लिए जगह समतल करने में जुटे रहे। प्राइमरी स्कूल मलाणा के साथ ग्रामीणों ने एक जगह का चयन किया है। पहले इस जगह की पैमाइश की गई इसके बाद ग्रामीण इस पर हेलीपैड बना रहे हैं।
गौर रहे कि जिला प्रशासन की ओर से छह सदस्यों वाली निगरानी टीम को मलाणा भेजा गया था। आपदा प्रबंधन के तहत गई टीम ने यहां पर राशन पहुंचाने, सड़क ठीक करने की दशा, स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति का जायजा लिया। टीम में गए अधिकारियों की ओर यह बात ग्रामीणों के समक्ष रखी गई कि अगर हेलिकॉप्टर उतरने के लिए जगह उपलब्ध होती है तो राशन को हेलिकॉप्टर के माध्यम से मलाणा में पहुंचाया जा सकता है। इसके साथ मलाणा में मरीजों को भी लिफ्ट किया जा सकता है। गौर रहे कि मलाणा को जोड़ने वाली जरी-मलाणा सड़क बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है। सड़क को बहाल होने में काफी वक्त लगेगा। राशन की दुकानों में स्टॉक समाप्त होने के बाद ग्रामीणों की मुश्किलें हर दिन बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में ग्रामीणों को अब हेलिकॉप्टर का ही सहारा है। वहीं, मलाणा के बाशिंदों की एकजुटता और हिम्मत की हर जगह तारीफ हो रही हैं।
मलाणा के समीप हेलिकॉप्टर को उतारने के लिए हेलीपैड के लिए जगह बनाई जा रही है। पूरा दिन भर ग्रामीण इसमें अपना सहयोग देते रहे। मौसम साफ रहा तो एक-दिनों में हेलीपैड के लिए जगह बनकर तैयार होगी। आपदा प्रबंधन की ओर भेजी गई निगरानी टीम के गांव में दौर के बाद ही ग्रामीणों ने यह निर्णय लिया है।