आवाज जनादेश/न्यूज ब्यूरो शिमला
उपमंडलीय प्रशासन की ओर से तहसील होली के कलाह गांव से होने वाली प्रसिद्ध मणिमहेश परिक्रमा यात्रा के रास्ते को 15 अगस्त तक तैयार करने की डेडलाइन प्रशासन ने वन विभाग को दी है। साथ ही रास्ते पर भू-स्खलन संभावित स्थानों पर कर्मियों की तैनाती करने को भी कहा गया है। बहरहाल प्रशासन के आदेशों के बाद वन विभाग ने पैदल रास्ते को मणिमहेश यात्रियों की लिए चकाचक करने का काम युद्धस्तर पर आरंभ कर दिया है। उत्तर भारत की प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा के तहत होली तहसील के कलाह गांव से होकर परिक्रमा यात्रा होती है। इसमें प्रदेश के विभिन्न हिस्सों के अलावा पड़ोसी राज्य पंजाब से भी काफी संख्या में श्रद्धालु डल झील पहुंच कर आस्था की डुबकी लगाते है। परिक्रमा यात्रा का यह पैदल रास्ता करीब 13 किलोमीटर का है और ट्रैक के बीच प्राकृतिक सौंदर्य को नजदीक से निहारने का भी शिवभक्तों को मौका मिलता है।
26 अगस्त से हो रहा अधिकारिक तौर पर आगाज
मणिमहेश यात्रा का अधिकारिक तौर पर आगाज इस वर्ष 26 अगस्त से हो रहा है। लिहाजा इसी को ध्यान में रखते हुए उपमंडलीय प्रशासन ने वन विभाग को 15 अगस्त तक इस रास्ते को तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उधर, कार्यवाहक एडीएम भरमौर एवं सदस्य सचिव मणिमहेश मंदिर न्यास कुलवीर सिंह राणा ने कहा कि यात्रा की तैयारियों को लेकर आयोजित बैठक में कलाह गांव से डल झील तक जाने वाले रास्ते को तैयार करने के निर्देश वन विभाग को दिए है और 15 अगस्त तक कार्य को पूरा करने को कहा गया है।