मलाणा पावर हाउस में फंसे चार कामगारों को 35 घंटे बाद सुरक्षित बचाया

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पार्वती घाटी के मलाणा-वन जल विद्युत परियोजना में बादल फटने के बाद यहां फंसे चार कामगारों को करीब 35 घंटों बाद सुरक्षित बचाया गया है।

आवाज जनादेश / न्यूज ब्यूरो शिमला

हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू की पार्वती घाटी के मलाणा-वन जल विद्युत परियोजना में बादल फटने के बाद यहां फंसे चार कामगारों को करीब 35 घंटों बाद सुरक्षित बचाया गया है। शुक्रवार सुबह एनडीआरएफ की टीम के साथ होमगार्ड के बचाव दल और छापेराम नेगी की अगवाई वाले एक निजी बचाव दल ने यहां पहुंचकर फंसे चारों लोगों को सुरक्षित नीचे उतारा। चारों लोग 31 जुलाई रात 10:00 बजे से यहां फंसे हुए थे। हालांकि 1 अगस्त को एनडीआरएफ की टीम रवाना हुई थी, लेकिन घटनास्थल तक नहीं पहुंच पाई थी। मलाणा-एक प्रोजेक्ट में 33 लोग फंसे हुए थे, इनमें से 29 गुरुवार को सुरक्षित बचा लिए गए थे। बाकि चार लोगों को शुक्रवार सुबह सुरक्षित बचाया गया।

बुधवार रात मलाणा नाले में बादल फटने से आई बाढ़ में मलाणा पावर प्रोजेक्ट-एक का बांध टूट गया है। बलाधी गांव में एक सरकारी स्कूल, दो मंदिर, आठ मकान बह गए। पार्वती नदी में पानी बढ़ने से नदी पर बना पुल बह गया। बाढ़ आने से बलाधी गांव में 45 लोगों की सांसें घंटों अटकी रहीं। नाले का पानी दोनों तरफ आने से टापू बने क्षेत्र में 45 लोग फंस गए। इनमें आठ परिवारों के 22 लोग और नेपाल मूल के 23 लोग शामिल थे। पांच से छह घंटे के बाद जब जलस्तर कम हुआ तो इन फंसे हुए 45 लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया। इसके बाद इन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया।

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