मंडी में तीन की मौत, सात लापता, दो घायल

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आवाज जनादेश/न्यूज ब्यूरो शिमला उपमंडल पद्धर की चौहारघाटी की में बुधवार देर रात 12.30 बजे को हुई मूसलाधार बारिश ने जानलेवा कहर बरपाया। धमच्याण पंचायत के राजबन गांव में देर रात को बादल फटने से तीन रिहायशी मकान मलबे में समा गए। घटना में तीन परिवारों के दस लोगों चपेट में आ गए हैं। इसमें तीन लोगों की मौत हो गई है, जबकि चार बच्चों समेत सात लोग अभी भी लापता है। वहीं, दो लोग जख्मी हो गए। इसके साथ ही 25 से अधिक लोगों बचाया गया है। घटना बुधवार देर रात करीब साढ़े बारह बजे हुई। घटना का पता चलते ही जिला उपायुक्त अपूर्व देवगन और कार्यकारी उपमंडलाधिकारी पद्धर भावना वर्मा और पंचायत समिति उपाध्यक्ष कृष्ण भोज घटनास्थल पर पहुंचे। स्थानीय ग्रामीणों के साथ एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, अग्निशमन विभाग और जिला रेस्क्यू दल दिन भर सर्च ऑपरेशन में जुटा रहा। भारी बारिश से जानमाल के नुकसान के साथ चार कारें भी बाढ़ में बह गई हैं। वहीं राजबन में एक गाय और तीन भेड़ बकरियां भी मलबे में दब गई हैं। डीसी मंडी ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट तैयार करने के दिशा निर्देश दिए हैं। खतरे की जद में आए अन्य परिवारों को ठहरने की व्यवस्था उपमंडल प्रशासन ने मिड्ल स्कूल ग्रामण में की है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर, पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर, पूर्व विधायक जवाहर ठाकुर ने घटना पर शोक जताया है।

चंबा में आई बाढ़ बह गई कई गाडिय़ां

राजनगर — चंबा विकास खंड की ग्राम पंचायत रूपणी में गुरुवार अल सुबह बादल फटने से नाले में आई बाढ़ से 1100 मीटर तक सडक़ का नामोनिशान मिट गया। इसके साथ ही दर्जनों वाहन मलबे में दब गए। इसके साथ ही रूपणी माता मंदिर की सुरक्षा दीवार को भी नुकसान हुआ है। जानकारी के अनुसार गुरुवार सुबह बादल फटने से रिहायशी क्षेत्र के बीचोंबीच बहने वाला रूपणी नाला उफान पर आ गया। नाले के बढे जलस्तर के साथ 14 वाहन मलबे में दब गए। उधर, एसडीएम सदर अरुण शर्मा ने बताया कि नुकसान का जायजा ले लिया गया है। उन्होंने बताया कि हलका पटवारी की ओर से रिपोर्ट भी सौंप दी गई है।

झाखड़ी की समेज खड्ड ने मचाई तबाही

संजय सिंह — झाखड़ी ,रामपुर

श्रीखंड कैलाश ट्रैक पर फटे बादल के कारण रामपुर के झाखड़ी की समेज खड्ड में आए जलजले ने तबाही मचा दी है। यहां पर लगभग 36 लोग लापता हैं। अभी तक तीन की मौत खबर है। दो शवों के सिर्फ अवशेष मिले हैं, जिनकी शिना त नहीं हो पाई। अभी तक 36 लोगों के लापता होने की पहचान हो पाई है। इसमें 33 लोग जिला शिमला क्षेत्र में रह रहे थे, जिसमें चार प्रवासी मजदूर, आठ लोग कंदराहड़ और खुश्वा क्षेत्र से, सात कर्मचारी ग्रीनको बिजली प्रोजेक्ट समेज के और 14 स्थानीय निवासी समेज गांव के लापता हैं। इसके अतिरिक्त तीन लोग जिला कुल्लू से संबंध रखते हैं। भारी बारिश के कारण सतलुज नदी का जलस्तर बढ़ गया है। रामपुर के समेज खड्ड में बादल फटने के बाद समेज गांव में तबाही का मंजर दिखा। यहां लगभग 22 घर बह गए। ग्रीनको प्राइवेट केंपनी और एसेंट हाइड्रो प्रोजेक्ट सीची पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। एसडीएम रामपुर निशांत तोमर ने बताया कि बादल फटने के कारण प्रभावित क्षेत्र से 36 लोगों के लापता होने की सूचना है। सडक़ें भी जगह-जगह से टूट गई हैं। इसके कारण रेस्क्यू टीम दो किलोमीटर पैदल चल कर घटनास्थल पर पहुंची। आईटीबीपी, स्पेशल होम गार्ड की टुकड़ी को भी रेस्क्यू दल में शामिल किया गया है। एंबुलेंस समेत सभी प्रबंध मौके पर किए गए हैं। लापता लोगों की खोज के लिए रेस्क्यू टीम की ओर से सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।

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