हिमाचल में राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल की महत्वाकांक्षी योजना लागू हो रही है

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शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अगुवाई में मेघालय पहुंचा शिक्षा विभाग का दल

आवाज जनादेश/न्यूज ब्यूरो शिमला

असम के बाद हिमाचल प्रदेश के शिक्षा विभाग का दल मेघालय पहुंचा। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अगुवाई में इस दल ने मेघालय के शिलांग में मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा के साथ एक बैठक की। इस बैठक में मेघालय के शिक्षा मंत्री आर ए. संगमा, आयुक्त एवं सचिव शिक्षा विजय कुमार मंत्री, शिक्षा सचिव एंब्रोज सी. मारक, निदेशक स्कूली शिक्षा स्वपनिल टेंबे सहित हिमाचल की ओर से शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, सीपीएस आशीष बुटेल, समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा, उच्च शिक्षा निदेशक डा. अमरजीत शर्मा, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली सहित अन्य अधिकारी शामिल रहे।

इस बैठक में हिमाचल और मेघालय की ओर से अपने अपने राज्यों के शिक्षा क्षेत्र की बेस्ट प्रैक्टिस और अन्य कार्यों का ब्यौरा दिया गया। हिमाचल की ओर से समग्र शिक्षा राज्य निदेशक राजेश शर्मा ने प्रदेश में शिक्षा के परिदृश्य और सरकार की ओर से शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए कदमों पर एक प्रजेंटेशन दी।

हिमाचल के इस दल ने एशियाई विकास बैंक की मदद से मेघालय में तैयार स्कूलों का भी दौरा किया है। हिमाचल की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार प्रदेश में छात्रों को बेहतरीन स्कूली शिक्षा प्रदान करने के लिए राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल की महत्वाकांक्षी योजना लागू कर रही है, इसके तहत बनने वाले स्कूलों को मेघालय में एशियाई बैंक की मदद से बने स्कूलों की तर्ज बनाया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि मेघालय में शिक्षा और कौशल सुधार के लिए एशियाई विकास बैंक की मदद से 100 मिलियन डॉलर का एक प्रोग्राम चलाई गई है। इसके तहत मेघालय के 117 स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड किया गया है। इन स्कूलों लैब, लाइब्रेरी, स्वच्छ पानी, कंप्यूटर सहित अन्य बेहरतीन सुविधाएं छात्रों को उपलब्ध कराई जा रही है। हिमाचल में भी सरकार राजीव गांधी डे बोर्डिंग मॉडल स्कूल स्थापित कर इनमें सभी तरह की आधुनिक सुविधाएं छात्रों को उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रही है।

शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग की संभावनाएं तलाशने में मिलेगी मददः रोहित ठाकुर

शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा, शिक्षा मंत्री आर ए संगमा सहित अन्य दल के साथ उनकी बैठक बेहद सफल रही है। इस बैठक में शिक्षा के क्षेत्र में दोनों राज्यों द्वारा किए गए कार्यों पर व्यापक चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि इस बैठक से दोनों राज्यों को शिक्षा के क्षेत्र में आपसी सहयोग की संभावनाएं तलाश करने में मदद मिलेगी।

उल्लेखनीय है कि उत्तर पूर्वी भारत राज्यों में से सबसे ज्यादा स्कूल और शिक्षक मेघालय है। इस छोटे से राज्य में करीब 14 हजार स्कूल और करीब 55 हजार शिक्षक है, जो कि शिक्षा के क्षेत्र में इसकी उपलब्धि को दर्शाते हैं। ऐसे में दोनों राज्यों के बीच हुई इस बैठक से शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने में मदद मिलेगी।

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