मांगों पर विचार न करना अब सरकार पर भारी पड़ेगा, 2022 में चुनावों में नोटा ही दबेगा। यह बात हिमाचल परिवहन सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण मंच ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिला से मांगों को पूरा न किए जाने की सूरत में कही और आत्महत्या करने का भी ऐलान कर दिया है। मंच के प्रदेश अतिरिक्त महामंत्री एवं मंडी मंडल के प्रभारी सुरेंद्र कुमार सूद की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया। इसमें प्रदेश महामंत्री रूप लाल शर्मा ने बस अड्डा सुंदरनगर परिषद के विश्राम गृह में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए यह ऐलान किया है और हुंकार भर दी है।
उन्होंने बताया कि सरकार और सरकार में परिवहन मंत्री व भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रबंधन वर्ग झूठ बोलकर परिवहन सेवानिवृत्त कर्मचारियों को गुमराह करता आया है, लेकिन इस बार सेवानिवृत्त कर्मचारी सरकार के झांसे में आने वाले नहीं है और उप चुनावों की तर्ज पर विधानसभा 2022 के चुनावों में भी नोटा दबाकर बहिष्कार करेंगे। उन्होंने कहा कि मार्च 2021 के बाद सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को आज तक पेंशन नहीं मिली है। इसके अलावा कई दर्जन मांगें लंबित पड़ी है और न ही वार्तालाप के लिए आज तक बुलाया है।
उन्होंने कहा कि अगर शीघ्र ही मांगों को लेकर कोई भी सुनवाई नहीं की गई तो सेवानिवृत्त कर्मचारी विधायक विक्रम सिंह के विधानसभा क्षेत्र में जाकर उनके खिलाफ काम करेंगे। उन्होंने कहा कि 30 नवंबर को मांग पत्र भी सौंपा है विस बजट सत्र तक मांगें नहीं मानी गई तो विस का घेराव करेंगे। इस अवसर पर सुरेंद्र सूद, रूप लाल शर्मा, रोशन, कर्म सिंह, ईश्वर दास, प्रताप सिंह, राम लाल, केसर सिंह, अशोक कुमार, केहर सिंह, धर्म सिंह, शेर सिंह, धर्म सिंह, हेम सिंह, दया राम, महेंद्र, नरेश गुप्ता, मंगल, हेम चंद, दुर्गा सिंह, भगत सिंह, प्रेम दास, गुलजारी लाल, हेम चंद, रमेश कुमार, हरि राम, किशन चंद, दयाल सिंह, रूप चंद शर्मा, मुनी लल, तारा चंद, कृष्ण लाल समेत अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।