आईजीएमसी में आपातकालीन प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार-डॉ जनकराज

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आवाज़ जनादेश/ शिमला
आईजीएमसी शिमला में हमेशा से एक अच्छी,विश्वसनीय 24 घंटे चलने वाली प्रयोगशाला की आवश्यकता महसूस की जाती रही है।
लेकिन, योजना और क्रियान्वयन दोनों के मामले में विभिन्न स्तरों पर आने वाली बाधाओं के कारण, हम इस मक़सद में कामयाब नहीं हो सके ।
राज्य के प्रत्येक कोने से इस संस्थान में आने वाले रोगियों के प्रबंधन और चिकित्सकों की जरूरतों और आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, सभी डाइयग्नॉस्टिक क्षमताओं वाले *अत्याधुनिक परीक्षण प्रयोगशाला की स्थापना के लिए आईजीएमसी माननीय मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर एवं प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त करता है यह बात संस्थान के मैडिकल सुप्रिडेंट डॉ जनकराज ने कही उन्होंने कहा कि
प्रयोगशाला सभी जैव रासायनिक (आरएफटी, एलएफटी, लिपिड, इलेक्ट्रोलाइट्स, एडीए आदि) हेमेटोलॉजी (एचबी, सीबीसी), सीएसएफ परीक्षा और हेमोस्टेसिस पैरामीटर (पीटी / आईएनआर) के साथ इलेक्ट्रोलाइट्स, रक्त गैस विश्लेषण जैसे *पोईंट ओफ़ केयर* प्रदान करने में सक्षम है।
यह प्रयोगशाला सभी प्रकार के रोगियों और उनके इलाज करने वाले डॉक्टरों के मार्गदर्शन के लिए 24×7 अनेकों प्रकार के मार्कर टेस्ट जैसे *सीआरपी, फेरिटिन, डी डाईमर* करने में सक्षम है।
कोविड के Truenaat टेस्ट की सुविधा भी इस लैब में है। इस लैब की स्थापना के बाद अब *आईजीएमसी ने लिथियम परीक्षण प्रदान करने की क्षमता हासिल कर ली है यह सुविधा IGMC शिमला में पहले नहीं थी।*
पहले लोगों को तीन से चार दिनो तक लिथीयम की रिपोर्ट का इंतज़ार करना पड़ता था।
लैब में लगाए गये सभी उपकरण पूर्ण पारदर्शिता अपनाते हुए *GeM* के माध्यम से ख़रीदें गये हैं।सभी उपकरण अन्तर्राष्ट्रीय मानकों पर आधारित हैं जैसे *USFDA,EU,CE*
लैब में जो जाँच मशीन स्थापित की गयी है वह अपनी तरह की प्रदेश में पहली मशीन है। इस मशीन का नाम *AUTO ANYLYSER XL1000/ स्वचालित विश्लेषक XL-1000*, यह मशीन एक साथ एक घण्टे की अवधि में एक हज़ार चालीस सैम्पल की जाँच करने में सक्षम है।
सरकार के निरंतर प्रोत्साहन, मार्गदर्शन और समर्थन के साथ, आईजीएमसी आज का भरपूर प्रयास है कि इस प्रयोगशाला को हम *नो रिटर्न* लैब बनावाएँगे और अपने इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए हम बहुत तेजी से आगे बढ़ रहें है, कोई भी सैम्पल किसी भी परीक्षण के लिए किसी भी समय 24×7 जाँच करने की सुविधा होगी।
लैब पर सरकार द्वारा एक करोड़ रुपये व्यय किए गये हैं।
जाँच की रिपोर्ट न्यूनतम समय में मिलने से गंभीर मरीज़ों के डाययग्नोसिस और इलाज में तेज़ी आएगी परिणामस्वरूप हॉस्पिटल की मूलभूत व्यवस्था एवं कार्यशैली में सुधार होगा और आईजीएमसी यहाँ आनेवाले रोगियों को बेहतरीन सुविधाएँ प्रदान करने में सक्षम होगा।
जाँच की रिपोर्ट एक घण्टे के भीतर उपलब्ध हो सकेगी।
आईजीएमसी की यह लैब 24×7 आधार पर सभी डाइयग्नॉस्टिक समाधान प्रदान कर सकती है और इसमें मौजूदा बुनियादी ढांचे (जनशक्ति और संसाधन) के भीतर पूरे हिमाचल प्रदेश के लिए एक रोल मॉडल की तरह कार्य करेगी।

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