आवाज़ जनादेश/शिमला
संसद से पारित कृषक उत्पाद, व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्द्ध्रन एवं सरलीकरण) विधेयक-2020 कृषकों के हित वाला विधेयक है, जिससे उन्हें अपने उत्पाद बेचने के लिए न केवल बेहतर विपणन सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि केंद्र सरकार के किसानों की आय दोगुना करने के लक्ष्य को हासिल करने में भी मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां इलैक्ट्राॅनिक मीडिया के सदस्यों से बातचीत के दौरान यह बात कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एपीएमसी और मार्केटिंग बोर्ड पहले की तरह कार्य करते रहेंगे और सब्जी मंडियों के विकास के लिए अनुदान मिलना भी जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि विधेयक एपीएमसी सब्जी मंडियों से बाहर भी किसानों के लिए अतिरिक्त व्यापार की सुविधाएं सृजित करेगा और उन्हें बेहतर आमदनी प्राप्त होगी। इस विधेयक से राज्य में निजी मंडियों की अधोसंरचना विकसित करने में सहायता मिलेगी और साथ ही मंडियों तक उनकी पहुंच और आसान बनेगी।
उन्होंने कहा कि भारत के राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद इस विधेयक से कृषि क्षेत्र में निजी निवेश के माध्यम से नयी तकनीकों को शुरू करने में सहायता मिलेगी। किसानों से उनके उत्पाद सीधे खेतों से खरीदने वालों और निवेशकों को कोई मार्केट शुल्क या उपकर नहीं देना पड़ेगा। इससे कृषि क्षेत्र से जुड़ी नामी कंपनियां किसानों से उनके खेतों से ही उत्पाद खरीदने के लिए प्रोत्साहित करेंगी।
जय राम ठाकुर ने कहा कि इसके अंतर्गत इलैक्ट्राॅनिक लेन-देन पर अधिक ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक राष्ट्र-एक मंडी’ को साकार करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि इससे राज्य में कोल्ड चेन अधोसंरचना का विकास होगा, क्यांेकि लाइसेंसिंग नियन्त्रणमुक्त की जाएगी, जिससे व्यापार में सुगमता के साथ-साथ कृषि प्रसंस्करण में निवेश बढे़गा।
जय राम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस नेता इस पूरे मामले में राज्य के लोगों को गुमराह कर रहे हंै। यह विधेयक किसानों को उनके उत्पादों के लिए कीमतों का आश्वासन देता है, जिससे आय के बेहतर विकल्प उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि किसान बाजार की मांग के अनुरूप फसल उगाने के लिए प्रेरित होंगे।
जय राम ठाकुर ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में केंद्र सरकार किसान वर्ग के सामाजिक, आर्थिक विकास के लिए प्रतिबद्ध है और उनके कल्याण के लिए अनेक योजनाएं शुरू की हंै। उन्होंने कहा कि आज तक किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत 92 हजार करोड़ रुपये किसानों के खातों में सीधे हस्तांतरित किए गए हैं।