किसान क्रेडिट कार्ड,पर किसानों को सिर्फ चार प्रतिशत ब्याज पर लोन

Date:

किसानों को बड़ी राहत देने के लिए मोदी सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) बनाने का काम तेज कर दिया है। गुरुवार को आर्थिक पैकेज के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने पिछले दो महीनों में ही 25 लाख किसानों को केसीसी जारी कर दिया है।

कृषि मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि इसके साथ ही देश में केसीसी धारक किसानों की संख्या सवा सात करोड़ हो गई है। इन तमाम आंकड़ों में आप उलझे उससे पहले आइए समझते हैं कि क्या है किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) और कैसे इससे किसानों को लाभ मिलता है।
केसीसी किसानों के लिए शुरू की गई एक कल्याणकारी योजना है। भारत सरकार ने इसे 1998 में शुरू किया था। केसीसी के माध्यम से किसानों को जरूरत के अनुसार आसानी से खेती के लिए लोन मिल जाता है।

इससे वह कृषि से संबंधित सामान जैसे-खाद, बीज, कीटनाशक इत्यादि की खरीद कर सकते हैं। नाबार्ड और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मिलकर इस योजना की शुरुआत की थी। इसे किसी भी को-ऑपरेटिव बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण या पब्लिक सेक्टर के किसी भी बैंक से हासिल किया जा सकता है।

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार, (अगर वित्त मंत्री के आज के एलान को छोड़ दें ) वर्तमान में 14.5 करोड़ परिचालन भूमि जोत के मुकाबले 6.92 करोड़ केसीसी धारक हैं। किसानों को एक एटीम सह-डेबिट कार्ड जारी किया जाता है (स्टेट बैंक किसान डेबिट कार्ड) ताकि वो आसानी से पैसे निकाल सकें। केसीसी एक विविध खाते का स्वरूप है। इस खाते में कोई जमा शेष रहने की स्थिति में उस राशि पर बचत खाते के समान ब्याज मिलता है।

*किसानों को आसान दरों पर लोन*

खेती से जुड़े उपकरणों की खरीद के लिए किसानों की महाजनों पर निर्भरता को कम करने के उद्देश्य से केसीसी स्कीम की शुरुआत सरकार ने की थी। इसके तहत आसान दरों पर किसान को लोन दिया जाता है। केसीसी के तहत किसान पांच साल में तीन लाख तक का अल्पकालिक लोन ले सकते हैं।

पहले केसीसी के तहत एक लाख से ज्यादा का ऋण लेने पर किसानों को अपनी जमीन बैंकों के पास गिरवी रखनी होती थी। लेकिन अब इसे बढ़ाकर 1.60 लाख रुपए कर दिया गया है। केसीसी रखने वाला किसान कार्ड का इस्तेमाल किसानी से जुड़े उपकरणों या फिर अन्य कामों के लिए इस्तेमाल कर सकता है।

एक बार केसीसी बन जाने के बाद यह पांच साल तक के लिए वैध होता है। पिछले दिनों सरकार ने केसीसी को पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम से जोड़कर अधिक से अधिक संख्या में किसानों को इसके तहत लाने के लिए अभियान शुरू किया था। जिसके लिए आवेदन को सरल किया गया है और फार्म प्राप्त होने की तारीख से 14 दिनों के भीतर केसीसी जारी करने का आदेश दिया गया।

*चार फीसदी की दर से कैसे मिलता है कृषि लोन*

खेती-किसानी के लिए ब्याज दर वैसे तो नौ प्रतिशत है, लेकिन सरकार इसमें दो फीसदी की सब्सिडी देती है। इस तरह यह सात प्रतिशत पड़ता है। अगर किसान समय पर लोन लौटा देता है तो उसे तीन फीसदी की और छूट मिल जाती है।

इस तरह इसकी दर किसानों के लिए मात्र चार फीसदी रह जाती है। पशुपालन और मछलीपालन वाले किसानों को भी अब केसीसी के जरिए दो लाख रुपये तक का लोन प्रति किसान चार फीसदी की ब्याज दर पर लाभ मिलेगा

*इन बैंकों से मिल सकता है किसान क्रेडिट कार्ड*
एनपीसीआई यानी कि नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया रुपे किसान क्रेडिट कार्ड जारी करती है। इसके अलावा नाबार्ड किसानों को आसानी से टर्म लोन उपलब्ध कराता है। एसबीआई, बैंक ऑफ इंडिया और आईडीबीआई बैंक से भी किसान केसीसी प्राप्त कर सकते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

करुणामूलक भर्ती के लिए 1 माह में बनेगी नीति, आउटसोर्स कर्मियों को पक्की नौकरी का प्रावधान

आवाज़ जनादेश / न्यूज़ ब्यूरो शिमला मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह...