आर्थिक तंगहाली के बीच कर्ज की उछलती धारा पर मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को वादों की किश्ती रवाना कर दी। पहाड़ की तरक्की के लिए आशाओं की नई किरण बजट में रोशनी तो डाल रही है, पर संसाधनों का तिलिस्म कैसे खुलेगा, पैसा कहां से आएगा, यह सवाल है। हालांकि केंद्रीय मदद और 15वें वित्त आयोग से हिमाचली रथ को रफ्तार देने की कोशिश जरूर है, मगर एक मजबूत और शक्तिशाली अर्थव्यवस्था पर इतराने के लिए नई राहें तलशाना भी वक्त की मांग है.
कर्ज लौटाने को वन टाइम सेटलमेंट
आवाज़ जनादेश शिमला— सरकार ने अगले वित्त वर्ष में हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति/जनजाति निगम के उन लाभार्थियों के लिए जिन्हें कर्ज वापस करने में वास्तविक कठिनाइयां हैं, उनको राहत देने के लिए वन टाइम सेटलमेंट की योजना लाने की घोषणा की है। सीएम ने कहा कि लंबे समय से ऐेसे लोग मांग कर रहे हैं, जो कर्ज देने में असमर्थ हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों के विकास के लिए वर्ष 2020-21 में 1758 करोड़ रुपए प्रस्तावित है।
कुल्थ, ठांगी, चंबा चुख, राजमाह का जीआई रजिस्ट्रेशन
2020-21 में प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा करसोग कुल्थ तथा चंबा जिला के पांगी की ठांगी, चंबा धातु शिल्प, चंबा चुख और भरमौरी राजमाह उत्पादों के लिए कम से कम पांच जीयोग्राफिकल इंडिकेशंस पंजीकरण करवाए जाने के प्रयास किए जाएंगे।
कुल्लू में प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली
शिमला— प्रदेश सरकार ने अगले वित्त वर्ष के बजट में कुल्लू घाटी में ग्लेशियर के प्रकोप के प्रति संवेदनशीलता के दृष्टिगत प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली स्थापित करने की घोषणा की है। प्रणाली को स्थानीय लोगों की भागीदारी में कैचमैंट स्तर पर स्थापित किया जाएगा। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग तथा राज्य और कुल्लू जिला के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण मिलकर इस दिशा में काम करेंगे। परियोजना के अंतर्गत शैक्षणिक संस्थानों और अन्य संगठनों को डाटा उपलब्ध करवाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बॉयोटेक्नोलॉजी में कौशल विज्ञान कार्यक्रम’ परियोजना के अंतर्गत 100 स्नातक जैव प्रौद्योगिकी छात्रों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
निवेश प्रोत्साहन एजेंसी लाजवाब पहल
बीबीएन— हिमाचल प्रदेश स्टेट काउंसिल के चेयरमैन लेफ्टिनेंट कर्नल शैलेष पाठक ने कहा कि बजट बेहद संतुलित और राज्य के सतत् विकास के अनुरूप है। हिमाचल प्रदेश निवेश प्रोत्साहन एजेंसी की घोषणा एक स्वागत योग्य कदम है, जो राज्य में निवेश और औद्योगिकरण को बढ़ाएगा। भारतीय उद्योग परिसंघ लंबे समय से इस एजेंसी की स्थापना की मांग कर रहा था।
किसानों की आय बढ़ाने के लिए कदम
बीबीएन— सीआईआई के उपाध्यक्ष शैलेष अग्रवाल ने कहा कि कृषि उत्पाद संरक्षण योजना, जिसके तहत ओलावृष्टि के विरुद्ध स्टील और बांस के निर्माण के लिए 50 प्रतिशत आर्थिक सहायता का प्रावधान किया गया है। बजट में 20 करोड़ रुपए के कृषि कोेष का एफपीओ के लिए प्रावधान किया गया है, जो कि सराहनीय पहल है।
बजट में दिख रहा आर्थिक मंदी का असर
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा है कि उन्हें नहीं लगता कि बजट से प्रदेश का कोई भला होगा। इसमें देश व प्रदेश की आर्थिक मंदी का असर दिख रहा है। बजट में प्रलोभन तो देने का बहुत प्रयास किया गया है, पर इन्हें कैसे पूरा किया जाएगा, यह बड़ा प्रश्न है। आय बढ़ाने के कोई भी प्रयास इसमें नहीं हैं।
ख्याली पुलाव है बजट, दिखाए जा रहे सपने
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी रजनी पाटिल ने बजट को मात्र ख्याली पुलाव बताते हुए कहा है कि सरकार केवल सपने बेच रही है। बजट में पिछली योजनाओं की वाहवाही के सिवाय कुछ नहीं है। बजट में पुरानी योजनाओं को ही नई चाशनी में पिरोकर जनता के बीच रखा जा रहा है।
क्रैश हुआ डबल इंजन, कर्ज का जिक्र नहीं
विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार का डबल इंजन क्रैश हो गया है। सीएम मंडी एयरपोर्ट में फंस गए हैं। बजट भाषण में सरकार ने कहीं भी कर्जे का जिक्र नहीं किया। विकास दर 5.6 रहने का अनुमान लगाया गया है, मगर यह इससे भी कम होने वाली है यह तय है। रेल प्रोजेक्टों को लेकर अनुराग ठाकुर व सीएम के बीच मामला फंसा हुआ है।
8,016 करोड़ शिक्षा के लिए
शिमला-मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के तीसरे बजट में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कई घोषणाएं की गई हैं। इस बार सरकार ने वर्ष 2020-2021 में शिक्षा बजट पर 8,016 करोड़ के बजट का प्रावधान किया है। करोड़ो के इस बजट से राज्य में स्कूलों व कालेजों को उत्कृष्ठ व क्लस्टर का दर्जा दिए जाने की घोषणा की गई है। यानी सरकार के बजट में सरकारी शिक्षा को हाई लेवल तक पहुंचाने के दावे किए गए हैं। सरकार ने प्रारंभिक शिक्षा में गुणवत्ता लाने के मकसद से क्लस्टर स्कूलों को अपग्रेड करने के लिए स्वर्ण जयंती ज्ञानोदय क्लस्टर श्रेष्ठ विद्यालय योजना (ज्ञानोदय) शुरू करने की घोषणा की है। योजना के तहत 100 क्लस्टर स्कूलों में बच्चों/अध्यापकों के लिए आधुनिक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, जिनमें बेहतर टायलट, बिजली और पंखों की व्यवस्था, स्मार्ट कक्षा, फर्नीचर, पानी, लाईब्रेरी, खेलकूद सुविधाएं शामिल हैं। स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती छात्रों के अनुपात से की जाएगी। प्रारंभिक स्कूलों को क्लस्टर बनाने की योजना पर सरकार 15 करोड़ रुपए खर्च करेगी। सरकार ने उच्च शिक्षा विभाग में नई स्वर्ण जयन्ती उत्कृष्ट विद्यालय योजना शुरू करने की भी घोषणा की है। प्रथम चरण में इस योजना के अंतर्गत 68 स्कूल, जहां पर विद्यार्थियों की संख्या 500 या इससे अधिक है, को प्राथमिकता के आधार पर विकसित किया जाएगा। योजना के तहत स्कूलों का नवीकरण किया जाएगा, जिसमें फर्नीचर का प्रावधान, विद्यालय परिसर को विकसित करना, खेल-कूद सुविधाओं में सुधार, जिम, स्मार्ट क्लासेज तथा विज्ञान प्रयोगशालाएं, बेहतर शौचालय और पानी उपलब्ध करवाना सुनिश्चित किया जाएगा। इन विद्यालयों में आवश्यक छात्र संख्या रेशों के आधार पर शिक्षकों की तैनाती की जाएंगी। सरकार ने इस योजना के लिए 30 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए है। अहम यह है कि राज्य सरकार ने 9 महाविद्यालयों को ‘उत्कृष्ठ’ महाविद्यालयों के रूप में जिम तथा अन्य सुविधाओं सहित स्थापित करने की भी बात कही है। इससे इन महाविद्यालयों में छात्रों को उन विभिन्न विषयों के चयन करने का अवसर मिलेगा, जो अन्य महाविद्यालयों में उपलब्ध नहीं हैं।
स्वदेश दर्शन में सौ करोड़ रुपए की परियोजना
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ‘स्वदेश दर्शन योजना’ के अंतर्गत अध्यात्मिक सर्किट के विकास के लिए 100 करोड़ की परियोजना का प्रस्ताव रखा गया है। यह परियोजना मंडी में शिवधाम की स्थापना और रिवालसर का सौंदर्यीकरण, बिलासपुर में बाबा नाहर सिंह मंदिर का सौंदर्यीकरण, डाडासीबा स्थित कालेश्वर मंदिर, हमीरपुर में अवाहदेवी मंदिर, कुल्लू में मणिकर्ण और सिरमौर में त्रिलोकपुर मंदिर के लिए बनाई गई है।
50 स्कूलों में गणित प्रयोगशाला
स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए गणित में आवश्यक कौशल और निपुणता लाने के लिए सरकार ने 50 स्कूलों में गणित प्रयोगशालाएं स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। इनके माध्यम से गणित शिक्षा का सरलीकरण किया जाएगा तथा इसे रोचक बनाया जाएगा।
106 संस्थानों में वर्चुअल क्लासेज
सरकार ने इस साल 106 स्कूल, कालेजों में सीवी रमन वर्चुअल क्लासरूम योजना आरंभ करने की घोषणा की है। योजना के माध्यम से ऐसे महाविद्यालयों तथा विद्यालयों में वर्चुअल क्लासरूम के माध्यम से पढ़ाई करवाई जाएगी, जहां पर कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण शिक्षकों की कमी है।
छह कालेजों में वी वॉक कोर्स
प्रदेश सरकार ने इस साल छह नए महाविद्यालय में वीवॉक कोर्स शुरू करने की घोषणा की है। बजट स्पीच में सीएम ने जानकारी दी कि मौजूदा समय में 12 महाविद्यालयों में वी वॉक शुरू किया गया है। वर्तमान में 703 विद्यार्थी वी वॉक कोर्स पढ़ रहे हैं, उनकी प्लेसमेंट के लिए व्यवस्था की जाएगी।
100 टॉपर्ज के लिए सुपर योजना
व्यावसायिक कोर्सेज में प्रवेश के लिए बढ़ती प्रतिस्पर्धा के दृष्टिगत एक नई योजना स्वर्ण जयंती सुपर 100 आरंभ करने की घोषणा की है। इस योजना के अंतर्गत 10वीं कक्षा में सर्वाधिक अंक लेने वाले 100 विद्यार्थियों को व्यावसायिक संस्थानों में प्रवेश के लिए आवश्यक प्रशिक्षण के लिए एक लाख रुपए प्रति विद्यार्थी अनुदान मिलेगा।
कालेजों में जिम की सुविधा
प्रदेश के युवाओं को खेल-कूद एवम् व्यायाम के लिए बेहतर सुविधायें देने के उद्देश्य से सरकारी मैडिकल कॉलेजों, इंजीनियरिंग कॉलेजों तथा अन्य राजकीय व्यावसायिक शैक्षणिक संस्थानों में चरणबद्ध तरीके से जिम/ओपन जिम की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।
सरकारी स्कूलों का युक्तिकरण
प्रदेश सरकार ने वर्ष 2020-2021 में सरकारी स्कूलों के युक्तिकरण का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री ने बजट स्पीच में बताया कि सरकार ने पिछले दो वर्षो में शिक्षण संस्थानों में 10,700 पद भरने की स्वीकृति दी है। अभी तक 4,000 शिक्षकों के पद भरे जा चुके हैं। सरकार के प्रस्तावित बजट में बाकि पद जल्द भर दिए जाएंगे।
क्लस्टर विवि से जुड़ेंगे कालेज
मंडी में ‘सरदार वल्लभ भाई पटेल क्लस्टर विश्वविद्यालय’ ने काम करना आरंभ कर दिया है। प्रदेश में वर्तमान में कुल 138 सरकारी महाविद्यालय तथा 69 निजी महाविद्यालय कार्यरत हैं। मंडी एवं निकटवर्ती जिलों के महाविद्यालयों को इस विश्वविद्यालय से सम्बद्ध किया जाएगा।
हस्तशिल्प हथकरघा के लिए लाए परंपरा
शिमला-मुख्यमंत्री ने कहा है कि हिमाचल के हस्तशिल्प एव हथकरघा की राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान है। इनमें चंबा रूमाल, कुल्लू शॉल, किन्नौरी शॉल, चांदी के गहने, थान्का एपलिक, पूलें, धातु हस्तशिल्प इत्यादि शामिल हैं। इन उत्पादों से जुड़े चर्मकारों, बुनकरों और अन्य शिल्पियों तथा दस्तकारों के कौशल में विकास और इन उत्पादों के लिए उचित बाजार की उपलब्धता सुनिश्चित करने की जरूरत है। इसके लिए एक नई योजना पारंपरिक हथकरघा एवं हस्तशिल्प क्लस्टर प्रोत्साहन परियोजना ‘परंपरा’ आरंभ करने की घोषणा की है। इस योजना में प्रत्येक जिले में संकुल आधार पर शिल्पकारों तथा दस्तकारों और उनके उत्पादों को प्रोत्साहित किया जाएगा। परियोजना के कार्यान्वयन के लिए 58 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार स्थानीय उद्यम को बढ़ावा देने के लिए व युवाओं को स्वरोज़गार के साधन उपलब्ध करवाने के लिए ‘मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना’ को कार्यान्वित कर रही है। योजना के अंतर्गत 18 से 45 वर्ष की आयु वर्ग के युवा/युवतियों को अनेक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। उद्योग में 60 लाख रुपए तक के निवेश पर संयत्र/मशीनरी के निवेश पर पुरूष उद्यमियों को 25 प्रतिशत तथा युवतियों/ महिलाओं को 30 प्रतिशत उपदान दिया जा रहा है।