हिमाचल हाई कोर्ट के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में पीटरहॉफ में आयोजित स्वर्ण जयंती समारोह

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हिमाचल हाई कोर्ट के स्वर्ण जयंती समारोह के दौरान ने कहा की हिमाचल प्रदेश में न्याय व्यवस्था अच्छी है। यहां लोगों को समय पर न्याय मुहैया करवाया जाता है |इस उपलक्ष्य में मुख्य न्यायाधीश लिंगप्पा नारायण स्वामी ने हाई कोर्ट के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में पीटरहॉफ में आयोजित स्वर्ण जयंती समारोह के दौरान न्यायालय का योगदान भी बताया | मुख्य न्यायाधीश लिंगप्पा नारायण स्वामी ने प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा दिए गए योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि न्याय व्यवस्था के क्षेत्र में हाई कोर्ट की अग्रणी भूमिका रही है और इसमें न्यायाधीशों के अलावा राज्य सरकार व वकीलों का अहम योगदान रहा है। हाई कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश धर्मचंद चौधरी ने हाई कोर्ट के स्थापन से लेकर आज तक न्यायाधीशों के योगदान के बारे में बताया। प्रदेश के महाधिवक्ता अशोक शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने अपने 50 वर्ष के कार्यकाल में लोगों को सस्ता न्याय पहुंचाने के लिए अपनी अहम भूमिका निभाई है। गौर हो कि 25 जनवरी, 1971 को प्रदेश हाई कोर्ट स्थापित किया गया था। हाई कोर्ट के पहले मुख्य न्यायाधीश मिर्जा हमीदुल्लाह बेग सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। हाई कोर्ट से नियुक्त न्यायाधीशों में लोकेश्वर सिंह पांटा सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश रह चुके है। पूर्व न्यायाधीश दीपक गुप्ता सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश हैं। हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत व न्यायाधीश रामा सुब्रमनियन गत वर्ष सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बनाए गए। प्रदेश उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एएम खानविलकर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट स्थानांतरित करने के पश्चात सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के तौर पर कार्य कर रहे हैं। हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश कुरियन जोसेफ सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश रहने के पश्चात सेवानिवृत्त हो चुके हैं। हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश सी के ठक्कर मुंबई हाई कोर्ट स्थानांतरित होने के पश्चात सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश रह चुके हैं। पूर्व मुख्य न्यायाधीश डी राजू व एम एन श्रीनिवासन सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश रह चुके हैं। पूर्व मुख्य न्यायाधीश एस एन फुकन को उड़ीसा हाई कोर्ट स्थानांतरित करने के पश्चात सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनाया गया था । पूर्व मुख्य न्यायाधीश एन एम कासलीवाल सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश रह चुके हैं । हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश आरएस पाठक सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। त्रिपुरा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रहने के पश्चात प्रदेश के न्यायाधीश संजय करोल पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश है। प्रदेश के दूसरे न्यायाधीश राजीव शर्मा पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश है। न्यायाधीश राजीव शर्मा पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रहने से पूर्व उत्तराखंड उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। देवेंद्र गुप्ता, भवानी सिंह व अभिलाषा कुमारी अलग-अलग राज्यों के मुख्य न्यायाधीश रहे चुके हैं। न्यायाधीश लिंगप्पा नारायणस्वामी प्रदेश उच्च न्यायालय के 25 वें मुख्य न्यायाधीश हैं।

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