आवाज़ जनादेश /शिमला – विधानसभा के बजट सत्र में सत्तापक्ष को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जबरदस्त कमी खल रही है। सीएम के बिना सदन में पहुंची सरकार दो दिन विपक्ष के आगे लड़खड़ाती नजर आई। इस कारण गुरुवार और शुक्रवार को विपक्ष पूरी तरह से सरकार पर हावी रहा। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री बजट सत्र के पहले दिन से ही आक्रामकता के साथ उतरे थे। इस कारण सीएम की अनुपस्थिति में वह सत्तापक्ष पर इक्कीस साबित हुए। इसके पीछे बड़ा कारण यही है कि सदन के भीतर सरकार का जबरदस्त पक्ष रखने वाले स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार अब नई पारी में विधानसभा के सर्वोच्च आसन पर विराजमान हो गए हैं। विपिन परमार की भूमिका बदल जाने से अब सरकार को उनकी कमी जरूर खल रही है। जाहिर है कि मुख्यमंत्री अपने दम पर ही विपक्ष को समेटने में कामयाब हो जाते हैं। पिछले विधानसभा सत्रों में कई बार देखा गया है कि मुख्यमंत्री अपने लड़खड़ाते मंत्रियों के लिए सदन के भीतर सहारा बने हैं। जाहिर है कि मंगलवार को शुरू हुए विधानसभा के बजट सत्र की अभी चार बैठकें हुई हैं। इनमें आखिर के दो दिन में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर राष्ट्रीय अध्यक्ष के प्रवास के कारण सत्र के लिए ज्यादा समय नहीं दे पाए हैं। यही वजह है कि विपक्ष सरकार पर पूरी तरह से हावी रहा है। हालांकि मुख्यमंत्री की तरफ से जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर को सदन के भीतर सरकार का पक्ष रखने के लिए अधिकृत किया गया था। इसके अलावा सत्तापक्ष के पास युवा व तेजतर्रार मंत्री गोबिंद ठाकुर व विक्रम सिंह ठाकुर मौजूद हैं। इसके अलावा सत्तापक्ष के लिए दो सबसे बड़े किरदार विधायक की सीट पर बैठकर विपक्ष को निरूत्तर करने का प्रयास कर रहे हैं। इनमें पहला नाम नुरपूर के विधायक राकेश पठानिया का है, जो कि मंत्रिमंडल में स्थान हासिल करने के सबसे मजबूत दावेदार हैं। विपक्ष की बौछारों का सामना करने वाले दूसरे विधायक सुंदरनगर के युवा एमएलए राकेश जम्वाल हैं। विपक्ष के हमलों को रोकने के लिए इन दोनों विधायकों की भूमिका मंत्रियों से भी ज्यादा है। यही वजह है कि दोनों विधायक कांग्रेस के हमलों को रोकने के बजाय उन पर पलटवार को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं।
ये नेता फ्रंट फुट पर
विपक्ष की तरफ से नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री के अलावा कुल्लू के विधायक सुंदर ठाकुर शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह भी सरकार पर जमकर हमले बोल रहे हैं। सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा तथा किन्नौर के जगत सिंह नेगी ने भी सत्तापक्ष को कटघरे में खड़ा करने की कोई कसर नहीं छोड़ी है। हमेशा की तरह सदन में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने वाले नादौन के विधायक सुखविंद्र सुक्खू भी मौका मिलते ही सत्तापक्ष को घेरने का मौका नहीं छोड़ते। यही वजह है कि सीएम की गैरहाजिरी में विपक्ष सत्तापक्ष पर हावी रहा है।