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चंबा। प्रदेश सरकार ने हाल ही में 67 डॉक्टरों की तैनाती के ऑर्डर निकाले हैं। इसमें से पांच डॉक्टर चंबा मेडिकल कॉलेज को भी मिले हैं। जिन डॉक्टरों के ऑर्डर हुए हैं उनके चंबा मेडिकल कॉलेज में ज्वाइन करने के बाद डॉक्टरों की संख्या में थोड़ा इजाफा होगा अन्यथा चंबा मेडिकल कॉलेज डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है।
मेडिकल कॉलेज में नॉन क्लीनिकल स्टॉफ में इतनी कमी नहीं है जितनी कमी क्लीनिकल स्टाफ की है। मेडिकल कॉलेज के महत्वपूर्ण विभाग एक-एक विशेषज्ञ के सहारे चल रहे हैं। इन विभागों में जो विशेषज्ञ तैनात थे वे चंबा से बाहर दूसरे स्वास्थ्य संस्थानों में चले गए हैं। इसकी वजह से इन विभागों को चलाना प्रबंधन के लिए सिर दर्द बना हुआ है। आए दिन ओपीडी में डॉक्टर न होने से मरीज परेशान हो रहे हैं। कई बार इसको लेकर विवाद भी हो जाता है लेकिन सरकार चंबा मेडिकल कॉलेज के इन विभागों में विशेषज्ञों की तैनाती नहीं कर रही है। मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन, नेत्र और महिला विभाग में डॉक्टरों की कमी चल रही है। इन विभागों की ओपीडी कई बार बंद रहती है। इसकी वजह से मरीज परेशान होते हैं। चंबा मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस का तीसरा सत्र पहली अगस्त से शुरू होने वाला है। ऐसे में मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की संख्या में इजाफा होना भी लाजमी है। क्योंकि जिले की छह लाख आबादी बीमारी का उपचार करवानेे के लिए इसी मेडिकल कॉलेज पर निर्भर है। लेकिन, ओपीडी में डॉक्टर न होने से मरीजों को काफी परेशानी होती है। मौजूदा समय में मेडिकल कॉलेज की ओपीडी 1500 से दो हजार के करीब पहुंच चुकी है।
मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर विनोद शर्मा ने बताया कि सरकार ने चंबा मेडिकल कॉलेज के लिए पांच डॉक्टरों के ऑर्डर निकाले हैं। उनके ज्वाइन करते ही अस्पताल की सेवाओं में और सुधार होगा। मरीजों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए प्रबंधन हर संभव प्रयास कर रहा है।
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