शिमला—पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की करीबी नगर निगम शिमला से कांग्रेस पार्षद अर्चना धवन ने भाजपा का दामन थाम लिया है। वर्तमान में जाखू वार्ड से कांग्रेस पार्षद हैं, जिन्होंने शनिवार को भाजपा सदस्यता अभियान के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के समक्ष पार्टी की सदस्यता हासिल की। वे दो बार निर्वाचित और दो बार मनोनीत पार्षद रहीं हैं। नगर निगम शिमला में चार बार पार्षद रही अर्चना धवन ने कांग्रेस संगठन की कार्यप्रणाली से नाखुश होकर भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि यहां कार्यकर्ताओं की कोई इज्जत नहीं हैं। यहां तक कि पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को भी कांग्रेस के कुछ नेता नजरंदाज करते आ रहे हैं। अर्चना धवन ने कहा कि जब कांग्रेस में वीरभद्र सिंह की इज्जत ही नहीं हो रही है, तो हम जैसे कार्यकर्ताओं की इज्जत कौन करेगा। इसी वजह से उन्होंने कांग्रेस को अलविदा कर भाजपा से हाथ मिलाने का निर्णय लिया। अर्चना धवन ने कहा कि जिस तरह से उन्होंने कांग्रेस में रह कर कांग्रेस के लिए काम किए हैं, उसी तरह से अब उम्र भर भाजपा के लिए काम करती रहेंगी। उल्लेखनीय है कि अर्चना धवन पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की करीबी मानी जाती है। इस बार लोकसभा का चुनाव हारने के साथ-साथ कांग्रेस में सब कुछ उल्टा चल रहा है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कुछ पदाधिकारी पहले ही अपने पदों से इस्तीफा दे चुके हैं। अब नगर निगम शिमला में भी नया ड्रामा देखने को मिल रहा है। नगर निगम शिमला में भाजपा के पास पहले 22 पार्षद हैं, अब अर्चना धवन के शामिल होने से यह संख्या 23 हो गई हैं। जबकि कांग्रेस के पास पहले 11 पार्षद थे, जिसमें एक कम हो गया है। यहां एक सीट पर माकपा काबिज है।
वीरभद्र की करीबी अर्चना भाजपा में शामिल
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