जयराम ठाकुर कैबिनेट ने लिया फैसला, अब ट्रिब्यूनल के सारे केसों की सुनवाई हाई कोर्ट में

शिमला ब्यूरो – हिमाचल सरकार ने एक बार फिर प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को भंग करने का निर्णय लिया है | इस बहुचर्चित मुद्दे पर विराम लगाते हुए प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को भंग करने की मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके तहत प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के रिक्त दो सदस्यों के पदों को भरने की प्रक्रिया रद्द कर दी है। मंत्रिमंडल में लिए गए निर्णय के अनुसार अब ट्रिब्यूनल के सारे मामलों की सुनवाई हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में होगी। हालांकि कैबिनेट का फैसला हाई कोर्ट के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट भेजा जाएगा और उसी आधार पर अधिसूचना जारी होगी और निर्णय लागू किया जाएगा। बताते चलें कि पहली सितंबर, 1986 को गठित हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को धूमल सरकार ने 2008-09 में खत्म कर दिया था। राज्य के कर्मचारियों की मांग के चलते वीरभद्र सरकार ने इसे फरवरी, 2015 में दोबारा गठित किया था। जयराम सरकार ने सत्ता में काबिज होने के बाद प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के धर्मशाला तथा मंडी में सर्किट बैंच स्थापित करने के संकेत दिए थे। इस कड़ी में दोनों ही शहरों में भूमि चयन प्रक्रिया शुरू की गई। यही नहीं मंडी में सर्किट बैंच के लिए लैंड बैंक भी फाइनल कर लिया गया था। धर्मशाला में भी इसकी संभावनाएं तलाशी जा रही थी। इसी बीच जयराम सरकार ने प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के दो सदस्यों के रिक्त पदों की भर्ती प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी। इसके तहत हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली कमेटी ने दो सदस्यों के नामों पर मुहर लगा कर फाइल सरकार को भेजी थी। बहरहाल प्रदेश सरकार ने प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को भंग करने का निर्णय ले लिया है। इसके तहत प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के रिक्त दो सदस्यों के पदों को भरने की प्रक्रिया रद्द कर दी है। उल्लेखनीय है कि प्रशासनिक ट्रिब्यूनल भंग होने पर हिमाचल के अधिकारी-कर्मचारियों को अपने सर्विस मैटर के लिए प्रदेश उच्च न्यायालय पर निर्भर रहना होगा। इस परिस्थिति में तबादला आदेशों से लेकर सर्विस के छोटे-छोटे मुद्दों को भी हाई कोर्ट में ले जाना पडे़गा। गौर हो कि हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के पास 30 जून, 2019 तक कुल 34 हजार 111 मूल आवेदन प्राप्त हुए थे। इनमें से 23 हजार 125 मामलों का अंतिम निपटारा किया जा चुका है। उधर, हिमाचल प्रदेश कैबिनेट ने वन विभाग में 113 फोरेस्ट गार्ड के पदों सहित 243 पद भरने को स्वीकृति प्रदान की है। इसके अलावा प्रदेश में टैक्स चोरी को रोकने के लिए एक्साइज नाकों पर पूर्व सैनिक तैनात होंगे। इसके लिए प्रदेश मंत्रिमंडल ने 37 पूर्व सैनिकों को आबकारी एवं कराधान विभाग के नाकों पर नियुक्त करने की मंजूरी प्रदान की है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में बुधवार कोहुई मंत्रिमंडल की बैठक में ये निर्णय लिए गए। सबसे अधिक पद वन विभाग में 113 फोरेस्ट गार्ड्स के भरे जाएंगे। इसके अतिरिक्त स्थानीय लेखा विभाग में सीधी भर्ती के माध्यम से कनिष्ठ लेखा परीक्षकों के 14 पद अनुबंध आधार पर भरने को स्वीकृति प्रदान की गई है। कैबिनेट मीटिंग में कांगड़ा जिला के अंतर्गत ढलियारा में आवश्यक पदों के सृजन एवं इन्हें भरने सहित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने का निर्णय लिया गया। हमीरपुर मेडिकल कालेज में विभिन्न विभागों में सहायक प्राचार्य के 15 पद भरने की भी स्वीकृति प्रदान की गई। यह पद हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से नियमित आधार पर भरे जाएंगे। कांगड़ा जिला के सुलह स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के रूप में स्तरोन्नत करने का निर्णय लिया गया है। यहां विभिन्न श्रेणियों के 18 पदों का सृजन करने के उपरांत इन्हें भरा जाएगा। इसके अतिरिक्त नाहन मेडिकल कालेज के विभिन्न विभागों में भी सहायक प्राचार्य के 14 पद भरने का निर्णय लिया गया है। बैठक में पालमपुर स्थित नगर नियोजन कार्यालय को उपमंडलीय नगर नियोजन कार्यालय के रूप में स्तरोन्नत करने का निर्णय लिया गया। इस कार्यालय के लिए आवश्यक पदों का सृजन भी किया जाएगा। प्रदेश की नगर परिषदों में सफाई निरीक्षकों के छह पद भरने को मंजूरी प्रदान की गई है। बैठक में कृषि विभाग में सांख्यिकी सहायकों के 19 पद अनुबंध आधार पर सीधी भर्ती के माध्यम से भरे जाने को भी मंजूरी प्रदान की गई है। कृषि विभाग में कनिष्ठ कार्यालय सहायक (आईटी) के दस पद भरे जाएंगे, जिन्हें प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से अनुबंध आधार पर भरा जाएगा। इसी प्रकार, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग में आशुटंककों के 40 पद सीधी भर्ती के माध्यम से अनुबंध आधार पर भरे जाएंगे। इसके अलावा प्रदेश सरकार ने वन रक्षकों को सामान खरीदने के लिए मिलने वाली सबसिडी की राशि में तीन हजार रुपए की बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया है। पहले यह सबसिडी 12 हजार थी, जिसे अब बढ़ाकर 15 हजार रुपए करने का निर्णय लिया गया है।
हिमाचल पुलिस को मिलेंगे 114 वाहन
शिमला – मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में पुलिस विभाग को सशक्त बनाने के लिए 114 नए वाहन खरीदने के लिए मंजूरी दी गई है। पुलिस विभाग में 79 मोटरसाइकिल, 25 छोटी गाडि़यां, सात मिनी बसें, एक बड़ी बस, दो ट्रक खरीदने की स्वीकृति प्रदान की गई है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक पुलिस विभाग में वाहनों की कमी चल रही थी। इसे देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने राज्य गृह विभाग को नए वाहन खरीदने का प्रस्ताव भेजा था, जिसे बुधवार को कैबिनेट में मंजूरी प्रदान की गई।