आवाज़ जनादेश शिमला / नगर निगम शिमला द्वारा लोगों को गुणात्मक और स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए दृढ़ प्रयास किये जा रहे हैं। यह जानकारी निगम अभियंता विजय कुमार गुप्ता ने आज यहां दी।
विजय कुमार गुप्ता ने बताया कि 25 अगस्त, 2018 को नगर निगम के निगम स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा कसुम्पटी भण्डारण टैंक से लिये गये पानी का सैंपल श्रेष्ठतम पाया गया, जबकि इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय शिमला के कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग द्वारा हैपेटाईटिस प्रोजेक्ट के तहत 25 अगस्त, 2018 को शहर के विभिन्न भागों से लिये गये पानी के छह सैंपल के परिणाम असंतोषजनक रहे। इस बारे में जब इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय में हैपेटाईटिस प्रोजेक्ट का संचालन कर रहे अधिकारियों से निगम अधिकारियों द्वारा विस्तृत वार्ता की गई, तो उन्होंने बताया कि असंतोषजनक परिणाम सैंपल इकठ्ठा करने की प्रक्रिया में त्रुटि होने के कारण भी सामने आ सकते हैं।
उन्होंने बताया कि पानी का सैंपल लेने वाले कर्मचारियों को सैंपल लेने की प्रक्रिया का पुनः प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है, ताकि भविष्य में किसी तरह की त्रुटि न हो। निगम अभियंता ने बताया कि जो सैंपल असंतोषजनक पाए गए हैं, वहां से सैंपल, पुनः लिये जा रहे हैं। 26 अगस्त, 2018 की सैंपल रिपोर्ट के अनुसार फेज़-3 टैंक, कसुम्पटी टैंक और संजौली टैंक के सैंपल श्रेष्ठतम पाए गए हैं।
नगर निगम शिमला द्वारा उपलब्ध करवाए जा रहे पानी की जांच के दौरान समुचित मात्रा में रैजिडियूल क्लोरीन पाई जाती है। इसके बावजूद जहां कहीं के पानी के सैंपल आईजीएमसी की लैब में जांच के बाद असंतोषजनक पाए जाते हैं, तो ऐसे सार्वजनिक नलों को तुरंत बंद कर दिया जाता है।
उन्होंने बताया कि इन नलों व स्थानों के पानी की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए तुरंत कार्यवाही कर पुनः पानी की जांच करवाई जाती है और जांच रिपोर्ट श्रेष्ठतम होने पर ही पानी की आपूर्ति बहाल की जाती है।
निगम अभियंता ने बताया कि संजौली चैक और लक्कड़-बाजार स्थित सार्वजनिक नल को स्थाई तौर पर बंद कर दिया गया है तथा दोनों नलों के लिए दूसरी लाईन बिछाने के लिए योजना तैयार की जा रही है।
बरसात के मौसम के दौरान पानी में किसी तरह की अशुद्धि की आशंका से पेयजल को कम से कम 20 मिनट तक उबालकर ही पीने की सलाह दी जाती है।