आवाज़ जनादेश शिमला : उपायुक्त सोलन विनोद कुमार ने कहा कि राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली में पटवारी महत्वपूर्ण कड़ी हैं और पटवारियों द्वारा पारदर्शिता के साथ किया गया गुणवत्तायुक्त कार्य जहां एक ओर आम आदमी को समय पर विभिन्न प्रमाण पत्र एवं राजस्व संबंधी दस्तावेज़ उपलब्ध करवाता है वहीं इससे प्रदेश सरकार एवं जिला प्रशासन की छवि पर भी सकारात्मक असर पड़ता है। उपायुक्त आज यहां जिले के पटवारियों के लिए आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर जिला के विभिन्न पटवार वृतों से आए नवनियुक्त पटवारियों को संबोधित कर रहे थे।
विनोद कुमार ने कहा कि राजस्व से संबंधित विभिन्न कार्यों के लिए आम आदमी को प्रतिदिन पटवारियों से संपर्क स्थापित करना होता है। पटवारी अपने कार्य से न केवल पूरे राजस्व विभाग की छवि को प्रभावित करते हैं अपितु आम आदमी की संतुष्टि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने सभी नवनियुक्त पटवारियों का आह्वान किया कि अपने कार्य को पूरी ईमानदारी एवं पारदर्शिता के साथ निभाएं।
उपायुक्त ने कहा कि राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली को त्वरित गति प्रदान करने में राष्ट्रीय सामान्य दस्तावेज पंजीकरण प्रणाली (एनजीडीआरएस) महत्वपूर्ण है। सोलन जिले को इस प्रणाली के क्रियान्वयन के लिए पायलट आधार पर चुना गया है। उन्होंने कहा कि एनजीडीआरएस जहां डिजीटल तरीके से भू-अभिलेखों के पंजीकरण में सहायक है वहीं राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली पारदर्शी भी बनेगी। उन्होंने कहा कि भू-अभिलेखों को अद्यतन करने के उपरांत इस प्रणाली को पूर्णरूप से लागू किया जाएगा।
उपायुक्त ने कहा कि राजस्व विभाग में नवनियुक्त 48 पटवारियों के आने से आम लोगों के लंबित पड़े राजस्व कार्यों को शीघ्रता से निपटाया जा सकेगा। उन्होंने सभी नवनियुक्त पटवारियों से आह्वान किया कि किसी भी आपदा की स्थिति में सूचना तुरंत उपयुक्त स्तर तक पहुंचाएं। उन्होंने पटवारियों को निर्देश दिए कि वे जन कल्याण की भावना से कार्य करें और सरकार की विभिन्न योजनाओं को लोगों तक पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि राजस्व संबंधी कार्य के लिए पटवारियों के पास पहुंचने वाले व्यक्तियों को उचित जानकारी दी जानी भी आवश्यक है।
अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी विवेक चंदेल ने पटवारियों को आमजन के साथ व्यवहार, राजस्व विभाग के विभिन्न कार्यों तथा वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों की अनुपालना के संबंध में नियमों सहित सारगर्भित जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग द्वारा स्थापित नियमांे की अनुपालना आवश्यक है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिमाचल प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत अधिकारी अविनाश दानी ने विभिन्न राजस्व अभिलेखों को जारी करने, ततीमा तैयार करने तथा विभिन्न राजस्व अभिलेखों के अद्यतन के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने पटवारियों को भू विभाजन, अवैध भूमि कब्जा तथा सीमांकन पर रिपोर्ट तैयार करने संबंधी जानकारी भी प्रदान की। लेखा अधिकारी रिगजिन नेगी ने वेतन, अवकाश तथा अनुशासनहीनता पर सरकारी कर्मियों के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही के संबंध में जानकारी दी।
जिला राजस्व अधिकारी आरडी हरनोट ने राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली की जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि 31 अगस्त 2018 तक राजस्व संबंधी अभिलेखों को कंप्यूटरीकृत कर लिया जाएगा।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में सभी नवनियुक्त 48 पटवारी उपस्थित थे।