28 मकान जमींदोज
कांगड़ा-किन्नौर-मंडी में कहर; बारिश से 22 पशुशालाएं भी गिरीं, 287 मार्गों पर वाहनों की आवाजाही ठप
आवाज़ जनादेश शिमला — हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश ने तबाही मचा दी है। राज्य में मानसून की बौछारें कहर बनकर बरस रही है। मूसलाधार बारिश से मंगलवार को प्रदेश के कांगड़ा, किन्नौर व मंडी में 28 भवन जमींदोज हो गए। 22 पशुशालाएं भी बारिश में ध्वस्त हो गई हैं, जबकि 287 मार्गों पर वाहनों की आवाजाही ठप पड़ी हुई है। मंगलवार को बारिश से सबसे ज्यादा नुक्सान किन्नौर में हुआ है। किन्नौर में 12 मकान, एक लेबर शैड और पांच घराट बारिश से जमींदोज हो गए। कांगड़ा में सात घर, दो दुकानें, एक लेबर शैड और 11 पशुशालाएं भारी बारिश से गिर गईं। इसके अलावा मंडी में नौ मकान, 10 पशुशालाएं छह गईं और दो पशुओं की मौत हो गई। राज्य में जगह-जगह भू-स्खलन होने से 287 मार्ग वाहनों की आवाजाही के लिए ठप पड़े हुए हैं। मंडी जिला में सबसे अधिक 85 मार्ग अवरुद्ध हैं। जोगिंद्रनगर में 51 मार्गों पर वाहनों की आवाजाही ठप पड़ी हुई है। 287 मार्गों में से 182 मार्ग मंगलवार शाम तक बहाल हो गए। 83 मार्ग बुधवार तक और 22 मार्ग नौ अगस्त तक बहाल हो जाएंगे। मौसम विभाग की मानें तो राज्य में 13 अगस्त तक मानसून सक्रिय रहेगा जो जनमानस की दिक्कतों को और बढ़ा सकता है। प्रदेश में मानसून की बौछारें अभी तक लोक निर्माण विभाग को 322 करोड़ 47 लाख की चपत लगा चुकी हैं, जबकि बारिश से कृषि को 51 लाख 25 हजार का नुक्सान हो चुका है। प्रदेश में बारिश से बागबानों को भी चपत लग रही है। मार्गों के अवरुद्ध होने से बागबानों के वर्ष भर की फसल रास्ते में जगह-जगह फंसी हुई है। वहीं बारिश से सेब तुड़ान कार्य भी प्रभावित हो रहा है।