चम्बा में नहीं है हुनर की कमी
कई सालों बाद चम्बा को मिली एक मखमली आवाज
मंच का संचालन करने में नहीं कोई इनका सानी
मनोज कुमार मनु
चम्बा:- पिछड़े जिलों में एक कहलाए जाने वाला चम्बा ! जहां अगर सही मायने में देखा जाए तो हुनर की कमी नहीं ! आज एक से एक बढ़कर हीरे चम्बा से निकल रहे हैं ! चम्बा में हीरों की कमी नहीं है जरूरत है उन्हे तराशने की और उन्हे सही मंच देने की ! अगर उन्हे सही मंच दिया जाए तो चम्बा को पिछड़ा कौन कहे !
ऐसा ही एक हीरा इस वर्ष मिंजर के मंच पर मंच का संचालन करते दिखा !
उनकी इस मखमली आवाज को सुनकर हर कोई उनकी आवाज का दीवाना हो गया !
यहां बात की जा रही है चम्बा के ही मंच संचालक की जिसका नाम है ब्रिज़ भूषण !
ब्रिज़ भूषण जी चम्बा के एक छोटे से गांव के एक आम और साधारण परिवार से हैं !
शुरू से ही उन्हे मंच संचालन का बहुत शौक था ! धीरे धीरे उनका यह शौक हकीकत का रूप लेना शुरू हो गया और आज वह पूरे हिमाचल में एक मखमली आवाज के मंच संचालक के रूप में मशहूर हैं !
कई वर्षों बाद इस बार चम्बा के अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उनकी आवाज को सुनने का मौका मिला !
सही मायनें में देखें तो कई वर्षों बाद चम्बा को एक चम्बा के ही मंच संचालक मिले !
उनकी मखमली और भारी भरकम आवाज के जादू का आज हर कोई कायल हुआ है !
रोजाना जैसे ही मंच पर ब्रिज़ भूषण जी की एंट्री होती पूरे चौगान में हंगामा मच जाता और पूरा चौगान झूम उठता !
परंतु एक बात जो हर किसी के दिल में खटकती रही कि इतना अच्छा मंच संचालक और इतना कम समय उन्हे मंच संचालन का क्यों दिया जाता है !
जब अपने चम्बा में इतने अच्छे मंच को संचालन करने वाली शक्सीयत मौजूद है फिर बाहर के लोगों को क्यों आगे किया जाता है !
खैर छोड़ो यहां तो ” घर की मुर्गी दाल बराबर” वाली बात है !
परंतु चलो इतना जरूर है कि कम से कम चम्बा को इतना तो पता चला कि चम्बा में हुनर की कमी नहीं !