एक सदस्य के रूप में वह जनता की सेवा करती रहेंगी
उसके बाद बीजेपी समर्थित जिला परिषद सदस्यों ने चंपा ठाकुर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया। गुरुवार को इसपर वोटिंग हुई और 36 में से 20 सदस्यों ने चंपा ठाकुर के खिलाफ वोट डाला जबकि 14 ने पक्ष में। इस आधार पर चंपा ठाकुर को जिला परिषद के अध्यक्ष पद से हाथ धोना पड़ा। बता दें कि चंपा ठाकुर पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर की बेटी हैं। चंपा ठाकुर ने कहा कि जब सरकार ही उन्हें हटाने के लिए जुट गई थी तो उनकी इतनी हिम्मत नहीं थी कि वो इस पद पर बनी रहती। उन्होंने कहा कि उन्हें सिर्फ अध्यक्ष पद से हटाया गया है जबकि एक सदस्य के रूप में वह जनता की सेवा करती रहेंगी।
सरकार का या पार्टी का कोई रोल नहींः मंडी बीजेपी
वहीं मंडी जिला बीजेपी ने चंपा ठाकुर द्वारा बीजेपी और सरकार पर लगाए जा रहे साजिश के आरोपों का खंडन किया है। मंडी जिला बीजेपी के अध्यक्ष रणवीर सिंह ने कहा कि यह निर्णय जिला परिषद के सदस्यों ने आपसी सहमति से लिया है और इसमें सरकार का या पार्टी का कोई रोल नहीं। उन्होंने कहा कि अधिकतर जिला परिषद सदस्य बीजेपी के समर्थन में आए हैं और उन्हें सरकार की तरफ से विकास में हर संभव सहयोग भी दिया जाएगा। रणवीर सिंह ने कहा कि पूर्व की कांग्रेस कार्यकाल में जिला परिषद की ग्रांट तक बंद कर दी गई थी और मौजूदा सरकार इनके हकों की तरफ पूरा ध्यान दे रही है।
जिला परिषद के अध्यक्ष का चुनाव चुनकर आए हुए सदस्य करते हैं और यह राजनीतिक आधार पर ही होता है। सत्ता परिवर्तन के साथ इसके अध्यक्ष उपाध्यक्ष का जाना लगभग तय होता है, लेकिन मंडी में सिर्फ अध्यक्ष की कुर्सी गई है जबकि उपाध्यक्ष के खिलाफ कोई अविश्वास प्रस्ताव नहीं आया है। हालांकि उपाध्यक्ष पूर्ण चंद ठाकुर ने भी पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर के खिलाफ चुनाव लड़ा था लेकिन अब चुनाव हारने के बाद उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया है जिसके चलते उनकी कुर्सी बच गई है।