कम्बोडिया में भारत के राजदूत की मुख्यमंत्री से मुलाकात, मुख्यमंत्री से स्पिति घाटी के प्रतिनिधिमंडल की भेंट

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कम्बोडिया में भारत के राजदूत की मुख्यमंत्री से मुलाकात

मुख्यमंत्री  जय राम ठाकुर से आज यहां उनके सरकारी आवास ओक-ओवर में कम्बोडिया के फ्नोम पैन्ह में भारतीय राजदूत सुमानिका जैन ने मुलाकात की।

यह एक शिष्टाचार भेंट थी।

 


मुख्यमंत्री राहत कोष में अंशदान

मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर को आज यहां मंडी ज़िला की सहकारी क्रेडिट समिति लिमिटेड गोहर ने मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए तीन लाख रुपये का चैक भेंट किया। इसके अतिरिक्त समिति के पदाधिकारियों तथा कर्मचारियों ने राहत कोष को भेंट की  राशि । मुख्यमंत्री ने इस पुनीत कार्य के लिए किए गए अंशदान के लिए समिति की सराहना की तथा कहा कि यह राशि गरीब व जरूरतमंदों की मदद के लिए सहायक सिद्ध होगी। समिति के पदाधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।

 

मुख्यमंत्री ने बीरबल शर्मा की पहाड़ी गीतों की सीडी का किया विमोचन

मुख्यमंत्री  जय राम ठाकुर ने आज यहां बीरबल शर्मा द्वारा गाए गए व प्रभु नेगी द्वारा निर्देशित पारम्परिक लोकगीतों पर आधारित सीडी ‘गूंज नॉन स्टॉप’ का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने गायक के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ये गीत हमारी पारम्परिक संस्कृति व रीति-रिवाजों के प्रति नई पीढ़ी में जागरूकता लाने में सहायक सिद्ध होंगे।

 

मण्डी मध्यस्थता योजना के अन्तर्गत सरकार द्वारा आम के प्रापण को स्वीकृति

राज्य सरकार ने वर्ष 2018 के लिए आम के फलों के लिए मण्डी मध्यस्थता योजना के अंतर्गत आम के प्रापण को स्वीकृति प्रदान की है। इस योजना के अन्तर्गत 250 मीट्रिक टन गुठलीदार, 200 मीट्रिक टन कलमी तथा 50 मीट्रिक टन आचारी आमों की किस्मों का प्रापण क्रमशः 7 रुपये तथा 6 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से किया जाएगा।

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि यह प्रापण एचपीएमसी तथा हिमफैड के माध्यम से क्रेटों में किया जाएगा और इन एजेंसियांे को 1.30 रुपये प्रति किलोग्राम हैंडलिंग चार्जिज की अनुमति होगी। पिछले वर्ष की भांति गुठलीदार फलों, कलमी और आचारी आम का औसत विक्रय मूल्य क्रमशः 2000 रुपये, 3000 और 2000 प्रति मीट्रिक टन आंका गया है।  प्रवक्ता ने कहा कि इस योजना के अन्तर्गत एचपीएमसी और हिमफैड के सहयोग से 34 फल एकत्रण केन्द्र खोले जाएंगे तथा पिछले तीन से पांच वर्षों के प्रापण आंकड़ों को आधार माना जाएगा। यह केन्द्र प्रापण एजेंसियों द्वारा आवश्यकता के अनुसार खोले जाएंगे तथा इनका संचालन एचपीएमसी और हिमफैड के कर्मियों द्वारा किया जाएगा।  योजना के अन्तर्गत 2.5 प्रतिशत अतिरिक्त फलों का वजन के आधार पर प्रापण उन किसानों/बागवानों द्वारा किया जाएगा, जिनके पास 10 बीघा और इससे कम भूमि आम उत्पादन के अन्तर्गत होगी। अन्य किसी भी फल का प्रापण ठेकेदार से नहीं किया जाएगा।प्रवक्ता ने कहा कि यह योजना तत्काल प्रभाव से 15 अगस्त, 2018 तक प्रभावी रहेगी।

मुख्यमंत्री के विकासात्मक परियोजनाओं के समयबद्ध क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों को निर्देश

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने अधिकारियों को सरकार द्वारा की गई घोषणाओं पर निर्धारित समय के भीतर कार्रवाई अमल में लाने के निर्देश दिए ताकि विकास का लाभ लाभार्थियों तक पहुंच सके। मुख्यमंत्री आज राज्य सचिवालय से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से वर्तमान राज्य सरकार द्वारा विकासात्मक परियोजनाओं की घोषणाओं की प्रगति को जानने के लिये सिराज विधानसभा क्षेत्र के लोगों को सम्बोधित कर रहे थे।

उन्होंने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के दौरान जनप्रतिनिधियों तथा आम लोगों द्वारा उठाए गए मुद्दों के संबंध में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट यथाशीघ्र मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रस्तुत करने को कहा। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को जन शिकायतों का त्वरित समाधान सुनिश्चित करना चाहिए और विभिन्न निर्माणाधीन परियोजनाओं को शीघ्र पूरा करने के लिए सक्रियता से कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में किसी भी प्रकार की कोताही को गंभीरतापूर्वक लिया जाएगा और लापरवाह अधिकारियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेषकर राज्य के दूरदराज व दुर्गम क्षेत्रों में स्वास्थ्य तथा शिक्षण संस्थानों में पर्याप्त स्टॉफ प्रदान करना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने पर बल दिया जा रहा है और इस दिशा में ठोस प्रयास किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सिराज विधानसभा क्षेत्र पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान उपेक्षित क्षेत्रों में रहा है।

उन्होंने कहा कि सिराज विधानसभा क्षेत्र के जंजैहली को मुख्य पर्यटन गंतव्य के रूप में विकसित किया जाएगा और शिकारी माता मंदिर के लिए सड़क का समुचित रख-रखाव किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सैलानियों की सुविधा के लिए धरोट में वन विश्राम गृह का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने लोगों को आश्वासन दिया कि खोली-सुराह, देवकंडा, रियाड़ा, जनेड़, शिल्ली-बागी-दियोल-जैशला तथा शिलाबाग-दियोल सड़कों का उपयुक्त रख-रखाव व विकास किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विधानसभा क्षेत्रों के लोगों के साथ इसी प्रकार के संवाद का चलन शुरू करने के प्रयास किए जाएंगे ताकि मुख्यमंत्री के कार्यालय से आम लोगांे की सीधी पहुंच हो। उन्होंने कहा कि पर्यटकों को सुविधा प्रदान करने के लिए जंजैहली के लिए हेली टैक्सी सेवा आरम्भ करने के प्रयास किए जाएंगे। क्षेत्र के लोगों ने मुख्यमंत्री से सिराज विधानसभा क्षेत्र में खाद का डिपू खोलने तथा बागड़ाथाच में निरीक्षण कुटीर के निर्माण का आग्रह किया।

थाना ग्राम पंचायत के लोगों ने मुख्यमंत्री से पंचायत के लिए उपयुक्त जलापूर्ति योजना प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने देव खड्ड से उठाऊ जलापूर्ति योजना के निर्माण का भी आग्रह किया।

जैसला पंचायत के निवासियों ने चुन्नी में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा सामुदायिक केन्द्र खोलने की मांग की। बागड़ाथाच के लोगों ने नागरिक अस्पताल बागड़ाथाच में पर्याप्त चिकित्सक तथा एटीएम की सुविधा प्रदान करने का आग्रह किया।

सिराज निर्वाचन सभा क्षेत्र के लोगों ने बहुमूल्य समय प्रदान करने तथा वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से उनसे संवाद करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।

उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर वीडियो कान्फ्रेंसिंग में मंडी से जुड़े जबकि थुनाग के एसडीएम सुरेन्द्र मोहन, अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा सिराज विधानसभा क्षेत्र के लोगों ने थुनाग से मुख्यमंत्री से संवाद किया।

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प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना के अंतर्गत उद्यमियों से प्रस्ताव आमंत्रित

राज्य उद्योग विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां कहा कि भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय द्वारा पूरे देश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को आकर्षित करने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है, जिसमें पीने के पानी की पैकेजिंग, कार्बोनेटिड पेय पदार्थ एवं ऐरिएटिड पानी के अतिरिक्त सभी खाद्य प्रसंस्करण इकाईयां शामिल हैं, जिससे किसानों को उनके उत्पाद के लिए बेहतर कीमत मिले व राज्य में अधिक से अधिक रोज़गार का सृजन किया जा सके। प्रदेश में स्थापित सभी औद्योगिक क्षेत्रों एवं औद्योगिक बस्तियों को चिन्हित फूड पार्कों की सूची में शामिल किया गया है। इस योजना के अंतर्गत 15 सितम्बर, 2018 तक आवेदक दस्तावेज ऑनलाईन जमा करवा सकते हैं।

खाद्य प्रसंस्करण/वर्तमान में स्थापित खाद्य प्रसंस्करणों के विस्तार एवं संरक्षण क्षमता वाले उद्योगों के लिए इस योजना के अंतर्गत 50 प्रतिशत की दर से प्लांट एवं मशीनरी, तकनीकी सिविल कार्य पर अनुदान दिया जाएगा, जिसकी अधिकतम सीमा पांच करोड़ रुपये है। योजना के अंतर्गत परियोजना की कुल लागत का 20 प्रतिशत ऋण बैंक से प्राप्त करना एवं बैंक से मूल्यांकन रिपोर्ट प्राप्त करना अनिवार्य है तथा अपनी 10 प्रतिशत पंूजी लगाना भी आवश्यक है।

प्रवक्ता ने कहा कि इच्छुक उद्यमी अधिक जानकारी उद्योग निदेशालय या महा प्रबन्धक जिला उद्योग केन्द्र से सम्पर्क कर सकते हैं। आवेदन प्रपत्र भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के ऑनलाईन पोर्टल ूूूण्उवचिपण्दपबण्पद पर भी प्रस्तुत किए जा सकते हैं।

विस्तार की इच्छुक औद्योगिक इकाईयों में 80 प्रतिशत हिमाचलियों को रोज़गार अनिवार्य

राज्य सरकार ने लोगों को रोज़गार उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से औद्योगिक इकाईयों में लाभ, छूट व अन्य सुविधाएं प्राप्त करने के नियमों में संशोधन किए हैं अब ऐसी औद्योगिक इकाईयों में 80 प्रतिशत रोज़गार हिमाचल के स्थाई निवासियों को सुनिश्चित करना होगा।

उद्योग विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि राज्य सरकार की नई अधिसूचना के अनुसार एक अप्रैल, 2018 के बाद विस्तार की इच्छुक औद्योगिक इकाईयांें को नियमित/अनुबंध/उप-अनुबंध/दैनिक आधार या अन्य प्रकार के रोज़गार सहित अधिक विस्तार के फलस्वरूप सृजित अतिरिक्त श्रमशक्ति के लिए ठेकेदार तथा आउटसोर्स एजेंसियों के माध्यम से रखे जाने वाले लोगों में 80 प्रतिशत रोज़गार स्थाई हिमाचलियों को देना होगा। यह शर्त उन सभी औद्योगिक इकाईयों पर भी लागू होंगी जो एक अप्रैल, 2018 के बाद प्रदेश में स्थापित हुई हैं।

प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि बहुत अधिक विस्तार करने वाली औद्योगिक इकाईयां ही इस नियम से बाध्य होंगी। इसलिए पूर्व में स्थापित उद्योग जो बहुत अधिक विस्तार करने नहीं कर रहे हैं, वह इन नियमों में किए गए संशोधन/अधिसूचित प्रावधानों से बाध्य नहीं होंगे।

प्रवक्ता ने बताया कि 80 प्रतिशत हिमाचलियों को रोज़गार देने की शर्त इसलिए रखी गई है क्योंकि राज्य में अब तकनीकी रूप से प्रशिक्षितों की कोई कमी नहीं है। राज्य में लगभग 250 तकनीकी प्रशिक्षण संस्थान, 30 बहुतकनीकी संस्थान, लगभग 40 इंजीनियरिंग कॉलेज तथा विश्वविद्यालय हैं तथा अपने पाठ्यक्रमों की समाप्ति के बाद तकनीकी रूप से प्रशिक्षित युवा रोज़गार की तलाश कर रहे हैं। प्रवक्ता ने बल दिया कि उद्योगों की मांग के अनुसार आईटीआई, पॉलिटैक्नीक तथा इंजीनियरिंग कॉलजों के पाठ्यक्रमों में नए टेªड शामिल किए जा रहे हैं।

 

मुख्य सचिव ने सरकाघाट में स्मारक के लिए ईंट भेंट की

मुख्य सचिव विनीत चौधरी ने बुधवार को बिलासपुर दौरे के दौरान ‘एक ईंट शहीद के नाम’ अभियान के तहत मंडी ज़िला के सरकाघाट में शहीद पवन कुमार के नाम पर बनने वाले स्मारक के निर्माण के लिए एक ईंट भेंट की।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के लोग ‘एक ईंट शहीद के नाम’ अभियान में अपना भरपूर समर्थन दे रहे हैं, जिसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य शहीद स्मारक का निर्माण कर भावी पीढ़ी को शहीदों द्वारा देश के लिए दी गई कुर्बानियों के बारे में अवगत करवाना है।

‘एक ईंट शहीद’ के नाम अभियान के संयोजक संजीव राणा ने कहा कि लोगों के सक्रिय सहयोग से हरियाणा के कुरूक्षेत्र तथा करनाल में युद्ध स्मारक का निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि बिलासपुर में निर्माणाधीन युद्ध स्मारक के लिए लोगों द्वारा निर्माण सामग्री को दान किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि ‘एक ईंट शहीद के नाम’ अभियान के अंतर्गत अब तक 45 ग्राम पंचायतों से 45 हजार ईंटे प्राप्त हुई हैं। उन्होंने कहा कि स्मारक निर्माण के लिए एक ईंट व निर्माण सामग्री ही ली जा रही है जबकि इसके लिए नकद राशि स्वीकार नहीं की जा रही है।

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर से आज यहां ओकओवर में कृषि, जनजातीय विकास तथा सूचना-प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. राम लाल मारकण्डा के नेतृत्व में स्पिति घाटी के एक प्रतिनिधिमंडल ने भेंट की।

प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से स्पिति क्षेत्र के ताबो में स्थापित किए जाने वाले भारतीय बौद्ध अध्ययन संस्थान के डीम्ड विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए हस्तांतरित की जाने वाली वन भूमि के कुछ क्षेत्र के एवज़ में संबंधित विभाग को शुद्ध मौजूदा कीमत जमा करने के निर्देश देने का आग्रह किया। केन्द्र सरकार ने लाहौल-स्पिति के ताबो में इस विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए 55 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है।

प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से ताबो में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने का भी आग्रह किया ताकि क्षेत्र के लोगों को उनके घर-द्वार के समीप बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सकें।

मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि राज्य जनजातीय विभाग शुद्ध वर्तमान लागत के रूप में जल्द ही 55 लाख रुपये जमा करेगा ताकि संस्थान के निर्माण का कार्य शीघ्र आरम्भ किया जा सके।

 

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