आवाज़ जनादेश ब्यूरो / राज्य सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाने और राशन की गुणवत्ता पर निगरानी रखने के लिए अनेक प्रभावी कदम उठाए हैं ताकि प्रदेश लगभग 18.37 लाख राशन कार्ड धारकों को सस्ता राशन समय पर उपलब्ध हो सके।
प्रदेश में इस समय लगभग 77.20 लाख उपभोक्ता को 4,937 उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से सस्ते राशन की सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। इस सुविधा के लिए सरकार ने इस वर्ष 220 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए खाद्य, नागरिक आपूर्ति मंत्री किशन कपूर ने बताया कि योजना के अंतर्गत राशन कार्ड धारकों को तीन दालें, सरसों व रिफाईंड तेल के अतिरिक्त नमक अनुदानित दरों पर उपलब्ध करवाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा उपभोक्ताओं को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत चीनी, गंदम आटा तथा चावल भी सस्ती दरों पर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। सरकार ने पहली बार दालों के मूल्य में पांच रुपये तक की कमी की है, जिससे प्रदेश के राशन कार्ड धारक लाभान्वित हुए हैं और सरकार की बचत भी हुई है।
आम जनता की सुविधा के लिए निगम के मुख्यालय में निदेशक की अध्यक्षता में शिकायत निवारण प्रकोष्ठ की स्थापना की गई है, जहां पर कोई भी नागरिक अपनी शिकायतें ई-मेल बवउचसंपदज/ीपउंचनतजपण्बवउ तथा मोबाईल नम्बर 82199-29241 पर दर्ज करवा सकते हैं।
इसके अतिरिक्त, विभाग द्वारा मोबाइल ऐप का भी आरम्भ किया है। इस ऐप को उपभोक्ता एंडरॉयड मोबाइल पर गूगल प्ले स्टोर से इपीडीएसएचपी नाम से सर्च करके डाउनलोड कर सकते हैं। ऐप डाउनलोड करने के उपरान्त उपभोक्ता खाद्यान्न संबंधी पात्रता, कार्ड धारकों की सदस्यता आदि का पता घर बैठे ही प्राप्त कर सकते हैं। उपभोक्ता एप में अपना राशन कार्ड सेव करके रख सकता है, जिससे उपभोक्ता को अपना राशन कार्ड रखने की आवश्यकता नहीं रहेगी। इस ऐप में एक सरल फीडबैक फार्म भी उपलब्ध करवाया गया है, जिसके माध्यम से उपभोक्ता अपनी उचित मूल्य की दुकान से संबंधित फीड बैक विभाग को आसानी से भेज सकता है। इसके अतिरिक्त यदि उपभोक्ता को राशन कार्ड, उचित मूल्य की दुकान, खाद्य वस्तुओं की कमी या गुणवत्ता संबंधी शिकायत है तो वह शिकायत इस ऐप के माध्यम आसानी से विभाग को भेज सकता है। किसी परिवार को उसके सदस्यों की संख्या व पात्रता के अनुसार कितना राशन मिलेगा, इसका ब्यौरा भी ऐप पर उपलब्ध है।
सरकार द्वारा उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए 1967 टोल फ्री नम्बर भी स्थापित किया गया है, इस नम्बर पर भी उपभोक्ता राशन, एलपीजी, मिट्टी तेल संबंधी शिकायतें दर्ज करवा सकते हैं ताकि उपभोक्ताओं की शिकायतों का तत्काल निवारण सुनिश्चित बनाया जा सके। विभाग द्वारा राज्य के 88.6 प्रतिशत राशन कार्ड धारकों को आधार से जोड़ा जा चुका है, इससे जहां जाली राशन कार्ड धारकों पर अंकुश लगा है वहीं राशन के दुरूपयोग पर भी रोक लगने के साथ-साथ सार्वजनिक वितरण प्रणाली में पारदर्शिता आई है।
सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि उचित मूल्य की दुकानों पर उपभोक्ताओं के राशन क्रय संबंधी बिल व केशमेमों उनके मोबाइल पर उपलब्ध करवाए जाएं। इस दिशा में एक सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है। सरकार के इन प्रयासों से सार्वजनिक वितरण प्रणाली में पारदर्शिता आई है और उपभोक्ता सरकार की सस्ते राशन की इस सुविधा का भरपूर लाभ उठा रहे हैं।