शिमला । हिमाचल प्रदेश की आर्थिक हालत बहुत ही नाजुक हे , इससे पर पाना सरकार की प्रथम प्राथमिकता रहेगी। सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि उनके सामने आर्थिक संकट समेत कई चुनौतियां हैं। इन चुनौतियों से पार पाते हुए उनकी सरकार आगे बढ़ेगी और राज्य में विकास के नए आयाम स्थापित करेगी। जयराम ने कहा कि राज्य पर इस समय 46500 करोड़ रुपए का कर्ज है और इससे पार पाना चुनौती है। इसके लिए वे अपने दिल्ली दौरे में पीएम नरेंद्र मोदी से चर्चा कर चुके हैं। उन्होंने इसके लिए विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है। उन्होंने इस संबंध में केंद्रीय वित्त मंत्री से भी बात की है और वहां से पूरी मदद का आश्वासन मिला है। उन्होंने कहा कि इसके बारे में वित्त विभाग डिटेल्ड रिपोर्ट तैयार कर रहा है। ठाकुर ने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम वर्ष में राजनीतिक लाभ के लिए कई घोषणाएं की और शिलान्यास किए। इससे वित्तीय हालात खराब हुए। इसके अलावा कई तैनातियां गैर जरूरी की गई थी। उन्होंने कहा कि राज्य की नई सरकार केंद्र से विशेष पैकेज की मांग करेंगे और वहां अधिक से अधिक प्रोजेक्ट भेजेंगे। ठाकुर ने कहा कि धर्मशाला में विधानसभा अब भावनात्मक रूप से जुड़ गई है और उनकी सरकार हर भावना का सम्मान करती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इसे जिस लाभ के लिए खोला था, उसे उसका वह लाभ नहीं मिला। ठाकुर ने कहा कि राज्य में औद्योगिक विकास की गति को तेज करने को पैकेज के मामले को रिव्यू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले भी राज्य को विशेष औद्योगिक पैकेज मिला था। उनका कहना था कि राज्य में पर्यटन विकास की अपार संभावनाएं हैं और धार्मिक ओर एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाएगा। सीएम ने कहा कि कैबिनेट की हर बैठक में एक.एक, दो.दो विभागों की प्रेजेंटेशन दी जाएगी। इसके माध्यम से मंत्री जान पाएंगे कि उनके विभागों का कामकाज कैसा है उसमें क्या.क्या किया जाता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी विभागों को आदेश दे दिए गए हैं। एनजीटी के शिमला को लेकर आए आदेश के मद्देनजर सरकार विधि विभाग कि राय ले रही है, उसके मुताबिक आगे काम किया जाएगा।